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शहर से सरोकार, धनतेरस और दीपावली पर कैसी हो शहर की यातायात व्यवस्था केवल 3 दिन के लिए तो जाग जाए, नगर निगम और यातायात पुलिस

अमित बागलीकर
देवास। दीपावली उत्सव शुरू हो गया है लेकिन अब लोगों को शहर के एमजी रोड पर परेशानी झेलने के लिए तैयार रहना होगा। यातायात पुलिस सक्रिय तो है लेकिन कोई योजना नहीं है। हर साल यही होता है। कई अनुभवी अधिकारी आए और चले गए, लेकिन इस शहर के बाशिंदों की परेशानी से निजात नहीं दिला पाए। अतिक्रमण से लबरेज शहर में यदि इस साल कुछ नया हो जाए मिसाल कायम होगी। पिछले कुछ समय पहले निगम के जवाबदारों द्वारा गुलाब के फुल देकर व्यापारीयों को अतिक्रमण से मुक्ति करने के लिए शहर में अभियान शुरू किया गया था लेकिन दुकानों के सामने से ना तो अतिक्रमण हटा पाये ना एमजीरोड को सौंदर्यकरण किया गया उस समय तो यह भी कहा गया था कि व्यापारियों के साथ बैठ कर योजना बनाई जाएगी। लेकिन वह भी आया राम गया राम हो गई। अब तो यही बोला जा सकता है कि शहर से सरोकार किया गया होगा।


शहर का ह्रदय कहे जाने वाले सयाजीद्वार से तहसील चौराहा तक-यह सडक़ चौड़ी है, जिसके बाद तहसील चौराहा से नावेल्टी चौराहा तक अतिक्रमण से छोटी हो जाती है। दुकानों के बाहर सामान रखने और वाहनों के खड़े रहने से जाम लगता रहता है। व्यापारी अपना प्रोडट दुकानों में ही रखें यह आदत तब बनेगी जब निगम की गैंग ईमानदारी से अभियान में सहयोग देगी। धन तेरस और दीपावली की खारीदारी के लिए कार से आने वालों को सयाजी द्वारा पर कार पार्किंग की व्यवस्था की जाए। क्योकि तहसील चौराहा से आगे चौक तक यहां हर पांच मिनट में जाम लगता है।
नगर निगम की भूमिका अहम है
शहर में बढ़ रहे अतिक्रमण के लिए नगर निगम जिमेदार है। इसलिए सबसे पहले इस विभाग को साथ में लेना होगा। सतत मॉनीटरिंग, बड़ा चालान और सामंजस्य से ही समस्या का समाधान होगा। नगर निगम की गैंग को सक्रिय करना होगा। छठे चौमासे कार्यवाही करने वाली नगर निगम जब कार्यवाही करती है तो सामान जप्त और थेाडी देर में ही छोड़ देने से समस्या का समाधान नहीं होगा। शहर के तहसील चौराहा से नावेल्टी चौराहा वाले क्षेत्र में दुकानों का बारह माह फेला रहता है जो कई बार चर्चा का विषय बना रहता है। लोगों का कहना है कि यह अतिक्रमण आखिर क्यों नहीं हटता।

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