ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पर लोकायुक्त उज्जैन में अपराध दर्ज
देवास। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग देवास के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी, उपयंत्री, एवं कराडा कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार, टीमलीडर एवं प्रोप्राइटर के विरूद्ध ग्राम धाबडय़िा से बाबडीखेड़ा तक सडक़ निर्माण में पद के दुरूपयोग एवं भ्रष्टाचार की शिकायत पर लोकायुक्त उज्जैन में अपराध पंजीबद्ध किया गया।
शिकायतकर्ता श्रीराम राठौर निवासी-ग्राम चापड़ा देवास के द्वारा ग्राम धाबडय़िा से बाबड़ीखेड़ा तक की मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना 2012-13 के तहत सडक़ निर्माण में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग देवास के तत्कालीन अधिकारीयों एवं ठेकेदार के विरूद्ध पद के दुरुपयोग एवं सडक़ निर्माण में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत लोकायुक्त संगठन में की गई थी । शिकायत जांच के दौरान लोकायुक्त उज्जैन में जांच में पाया गया कि ग्राम धाबडय़िा से बाबड़ीखेड़ तक की सडक़ का निर्माण कुल 1650 मीटर रोजगार गारंटी योजना के तहत 4.07.2012 को वन विभाग देवास के द्वारा पूर्ण कराया गया था । उक्त ग्राम धाबडय़िा से बाबड़ीखेड़ा तक के लिये ग्रामीण यांत्रिकी विभाग देवास के अधिकारियों ने कराडा कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार आदि के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत उपरोक्त सडक़ पर जो पूर्व से वन विभाग के द्वारा पूर्ण तैयार की जा चुकी थी उस बनी हुई सडक़ पर ही 5.9.2012 के बाद से नियम विरुद्ध एवं षणयंत्रपूर्वक पद का दुरूपयोग करते हुये आधा अधूरा कार्य करवाकर ठेकेदार को कुल नौ लाख चौतीस हजार तिरायलीस रूपये 934043/- रूपये का अतिरिक्त एवं अनियमित भुगतान करवाना पाया गया था।
लोकायुक्त उज्जैन की उपरोक्त जांच में पाया गया कि आरोपीगणों ग्रामीण यांत्रिकी विभाग देवास के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री- जे.पी.गौर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, डी व्ही राणा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पी.एस. तोमर, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एस.एस.सोलंकी, तत्कालीन उपयंत्री बी.के.आशापुरे, तत्कालीन उपयंत्री के.एस.गुरुदत्ता, टीम लीडर सुधीरसिंह मेसर्स कृष्णा कंसल्टेंसी जिला-छतरपुर, तत्कालीन प्रोप्राइटर राजेश गंगेले, तत्कालीन ठेकेदार कृष्णकांत कराड़ा, कराड़ा कंस्ट्रक्शन सिल्वर अक्स कॉलोनी इंदौर के द्वारा कुल 934043/- रूपये अतिरिक्त भुगतान कराकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई उपरोक्त सभी को दोषी पाये जाने पर धारा-13(1)सी, 13(1)डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा 409,120(बी),420 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध कर लोकायुक्त उज्जैन द्वारा विवेचना की जा रही है।