देवास। भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल दसवें दिन भी जारी रही। नियमितीकरण और मानदेय भुगतान की मांग को लेकर कर्मचारी रोज नए-नए तरीके अपनाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मल्हार स्मृति उद्यान में एकत्रित होकर नारेबाजी व प्रदर्शन कर शासन तक अपनी मांग पहुंचाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन मप्र सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर एवं एवं सीएचओ संगठन जिलाध्यक्ष हिमांशी सिंह ने बताया कि क्रिसमस पर्व के दौरान शनिवार को संविदा कर्मचारी सयाजी द्वार एबी रोड पर सांता क्लॉज बनकर व लाल वस्त्र धारण कर हाथों में गुब्बारे एकत्रित हुए और अपनी जायज मांगो को गुंजायमान कर प्रदर्शन किया। तत्पश्चात प्रदर्शन के दौरान वहां से गुजर रहे कर्मकार मंडल के कैबिनेट मंत्री सुल्तान सिंह शेखावत को मांग पत्र सौंपा। श्री शेखावत ने आश्वासन दिलाया कि शीघ्र ही संविदा कर्मचारियों की मांगो के संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चर्चा करेंगे।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश की परियोजनाओं में कार्यरत संविदा स्टाफ को पिछले 15 से 20 वर्षों के उपरांत भी नियमित नहीं किया है। वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री ने संविदा नीति को शोषणकारी नीति माना था। विभिन्न विभागों को उन्हें नियमित करने एवं शासकीय कर्मचारियों की भांति अन्य सुविधाएं देने के आदेश पारित किए थे। जिससे संविदा कर्मचारियों को भी रेगुलर कर्मचारी की भर्ती न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन एवं अन्य शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल सके।
चीन में कोरोना ने अपना कहर बरपा रखा है। जिसके तैयारी के लिए भारत सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है। पिछली दोनों करोना लहर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड मरीजों की सेवा में लगे रहे। जब कोविड परिवार के सदस्यों द्वारा ही उन्हें मरने के लिए छोड़ जाता था। ऐसे समय में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने कर्तव्य से दूर नहीं हुए। किंतु सरकार द्वारा आज तक उन्हें नियमित करने और 2018 की पॉलिसी अनुसार उन्हें ईपीएफ अनुकंपा नियुक्ति आदि का लाभ नहीं दिया। इस अवसर पर भामसं के पदाधिकारी, कर्मचारी सहित जिले के समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।