देवास विद्युत वितरण कंपनी में बड़ा घोटाला उजागरकनिष्ठ यंत्री पंकज मतकर निलंबित, परिवार संग खड़ा किया भ्रष्टाचार का नेटवर्क

अमित बागलीकर
देवास। ट्रांसफार्मर से लेकर केवल और कॉलोनियों से लेकर कंपनियों तक सरकारी संसाधनों की बंदरबांट और भ्रष्टाचार के मामले में देवास विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री पंकज मतकर को निलंबित कर दिया गया है। समाचार लाइन की खबरों के आधार पर हुई इस कार्रवाई ने विभाग में हडक़ंप मचा दिया है। जानकारी के मुताबिक कनिष्ठ यंत्री मतकर ने ड्यूटी के नाम पर विभाग को चूना लगाते हुए ट्रांसफार्मर और लाइन मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों का खेल खेला। देवास शहर और आसपास की 20 से अधिक कॉलोनियों में घटिया क्वालिटी के ट्रांसफार्मर लगाए गए। इन ट्रांसफार्मरों में 200 केवीए के नाम पर सिर्फ 160 केवीए की यूनिट फिट की गई, जिससे न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं, बल्कि शहर की बिजली आपूर्ति को भी बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया।
पत्नी-बेटे के नाम पर खड़ी की कंपनियां, विभाग से उठाया सीधा लाभ
सूत्रों के अनुसार पंकज मतकर ने अपने बेटे और पत्नी को भी भ्रष्टाचार में भागीदार बना रखा था। पत्नी के नाम पर स्काई लाइन लॉजिस्टिक्स और बेटे के नाम पर नॉर्मल इंडस्ट्री नामक कंपनियां खड़ी की गईं। इन कंपनियों के पास न तो कोई वैध लाइसेंस था, न ही तकनीकी योग्यता, फिर भी विभागीय मिलीभगत से लाखों रुपये के ठेके हथिया लिए गए।
शिप्रा में बनाया फर्जी असेंबली यूनिट
इंदौर रोड़ पर शिप्रा क्षेत्र में बिना किसी लाइसेंस और अनुभव के एक घटिया ट्रांसफार्मर असेंबली यूनिट तैयार की गई, जहां से सीधे सरकारी ठेकों में माल सप्लाई किया गया। बेटे के पास न एक क्लास का लाइसेंस था और न ही कोई तकनीकी परीक्षा पास की गई थी।
विभाग की नींद खबरों के बाद टूटी
समाचार लाइन द्वारा इस पूरे मामले पर कई खबरें प्रकाशित की गई थीं। खबरों के सार्वजनिक होते ही विभाग की आंख खुली और मामले की जांच शुरू हुई। जांच में पंकज मतकर की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हें प्रभाव से निलंबित किया गया है।
विभाग में मचा हडक़ंप
निलंबन के बाद विद्युत विभाग में खलबली मची हुई है। लंबे समय से ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग, सप्लाई और मेंटेनेंस के नाम पर गड़बडिय़ां चल रही थीं। अब यह मामला खुलने के बाद अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
जनता और उपभोक्ताओं की शिकायतों को नजरअंदाज करना पड़ा भारी
देवास शहर में लंबे समय से उपभोक्ता ट्रांसफार्मर फाल्ट, कम वोल्टेज और देरी से सुधार की शिकायतें कर रहे थे, जिन्हें विभाग ने नजऱअंदाज़ किया। अब जब मामला खुला तो साफ हो गया कि तकनीकी लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार चल रहा था।
आगे और नाम आ सकते हैं सामने
सूत्रों का कहना है कि यह मामला सिर्फ पंकज मतकर तक सीमित नहीं है। आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं। विभागीय जांच जारी है और अन्य दोषियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।

