
देवास। 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस श्री कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ. आर.एस. अनारे की अध्यक्षता में कार्यक्रम के विशेष अतिथि प्रोफेसर बी.एस. मालवीय, पूर्व प्राचार्य श्री कृ.प.शासकीय महाविद्यालय देवास एवं सावित्री देवी सोनी रही। डॉ. आर.के. मराठा, डॉ. एस.पी.एस. राणा, डॉ. रश्मि ठाकुर की मंच पर गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का आरंभ मंचासीन विद्वजन द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ । छात्रा मोनिका चौहान ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी । मंचासीन विशेष अतिथियों, प्राचार्य एवं प्राध्यापकों का पुष्पहार व उत्तरीय से स्वागत किया गया। स्वागत गीत अंजलि कुमावत ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की रूपरेखा और अतिथि परिचय डॉ. सत्यम सोनी द्वारा दिया गया। विशेष अतिथि प्रो. मालवीय ने जीवन के नैतिक मूल्यों एवं शिष्टाचार विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी में नैतिक मूल्य और शिष्टाचार की कमी स्पष्ट दिखाई देेती है। प्राचीन भारतीय साहित्य से लेकर संत काव्य परम्परा और श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों का उदाहरण देते हुए युवापीढ़ी को नैतिकता और शिष्टाचार की प्रेरणा प्रदान की। सत्संग और राम रस में रची बसी सावित्री देवी सोनी एवं डॉ. सीमा सोनी ने मनुष्य जीवन अनमोल रे, भजन के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन की क्षणभंगुरता एवं महत्ता से परिचित कराया। डॉ. रश्मि ठाकुर ने कहा कि प्राचीन ग्रंथों में वर्णित नैतिक मूल्य, वृद्धजनों के प्रति आदरभाव सिखाते हैं, आज के युवा का दायित्व है कि वे अपने परिवार के वृद्धजन के साथ समय व्यतीत करें, उन्हें उपेक्षित न करें, अपितु मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शक्ति अभिनंदन अभियान के अंतर्गत महिला स्वावलंबन एवं सशक्तीकरण पर महात्मा गांधी के विचार विषय पर गोष्ठी का आयोजन भी रखा गया। जिसमें गांधीजी के नारी शिक्षा, नारी स्वावलम्बन, सामाजिक न्याय, समान अधिकार पर प्राध्यापक द्वारा विचार व्यक्त किये गये और विद्यार्थियों को गांधीजी के प्रेरक विचारों से अवगत कराया गया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. अनारे ने कहा कि वृद्धजन के पास अनुभवों का खजाना होता है, जिनसे युवा विद्यार्थी अपना उज्जवल भविष्य गढ़ सकते हैं। महाविद्यालय परिवार की ओर से अतिथिद्वय का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्नेहा आठिया, द्वितीय उदिता चौधरी एवं करीना चौधरी, तृतीय स्तुति शर्मा एवं मौनिका चौहान रही। महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ममता झाला ने किया तथा आभार डॉ. माया ठाकुर ने माना।
