उद्यमिता,व्यापार और कौशल संवर्धन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
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देवास। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस श्री कृ. प.शा.स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवास में वाणिज्य एवं प्रबंधन तथा आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में उद्यमिता,व्यापार और कौशल संवर्धन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष श्री मनीष जी पारीक, प्राचार्य डॉ. एस. पी. एस. राणा, डॉ. विद्या माहेश्वरी एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यशाला के प्रारम्भ में वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. विद्या माहेश्वरी द्वारा कार्यशाला की रुपरेखा को बताते हुए वाणिज्य एवं प्रबंधन के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, फील्ड प्रोजेक्ट तथा सामुदायिक जुडाव को विशेष रूप से समझाया गया स उन्होंने कहा की आज के समय में उद्यमिता हो या इंटर्नशिप दोनों ही केवल अंकसूची के लिए आवश्यक न होकर सम्पूर्ण जीवन के लिए बेहद लाभदायक है। यदि विद्यार्थी इनके गुणों को आत्मसात कर लेता है तो जीवन के किसी भी उदेश्य को बहुत आसानी से प्राप्त कर सकता है। आज की कार्यशाला भविष्य के सफल उद्यमियों को गढ़ने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा की आपके कोई भी काम का लक्ष्य स्मार्ट होना चाहिये र्स्माट का मतलब एस-स्पेसिफिक एम-मेजरेबल ए-अचिवेबल आर-रीअलिस्टिक टी- टाइम बाउंड होता है। कार्यशाला के प्रथम सत्र में उद्यमिता,व्यापार और कौशल संवर्धन विषय पर डॉ.सत्यम सोनी द्वारा विशेष व्याख्यान दिया गया। इसके अंतर्गत उद्यमिता का उदगम, इतिहास एवं परिभाषाए बताते हुए वर्तमान समय में प्रासंगिकता को समझाया । उद्यमिता के विभिन्न चरण विचार, कार्य योजना, क्रियान्वयन एवं विकास को विस्तार से बताया। व्यवसाय योजना के महत्त्व, उद्देश्य और लक्ष्य, बाजार विश्लेषण आदि को बताते हुए उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही उत्पाद, प्रक्रियात्मक एवं व्यवसाय मॉडल नवाचार पर विस्तार से विश्लेषण करते हुए उद्यमिता में जोखिम प्रबंधन को समझाया। उद्यमिता हेतु वित्त पोषण के विकल्प एवं सफल उद्यमियों के उदाहरण देते हुए सफल उद्यमियों की विशेषताए भी रेखांकित की। द्वितीय सत्र में डॉ. मनोज मालवीय ने वाणिज्य एवं प्रबंधन के अनिवार्य विषय इंटर्नशिप की भूमिका समझाते हुए विभिन्न बारिकियो को विस्तारित किया स सामान्य रूप से इसमें आने वाली विभिन्न परेशानियों को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है तथा इंटर्नशिप को किस प्रकार से प्रभावी बनाया जा सकता है आदि विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही इंटर्नशिप के विभिन्न प्रारूपो को भी रोचक तरीके से समझाया गया। कार्यशाला के अंतिम सत्र में प्रबंधन विषय की प्रो.निधि नामदेव द्वारा फील्ड प्रोजेक्ट को सम सामायिक संदर्भो से जोड़ते हुए विस्तारित किया गया । उनके विषय को तीन भागो में भूमिका, रिपोर्ट्स प्रारूप एवं मूल्यांकन में बाट कर समझाया गया । उन्होंने बताया की फील्ड प्रोजेक्ट में कुल चार रिपोर्ट्स बनाकर समय-समय पर अपने निर्देशक से मूल्यांकित करवाना होती है। रिपोर्ट्स में किन-किन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए वायवा दिया जाता है आदि विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दुओ को शामिल करते हुए विस्तार पूर्वक व्याख्यान दिया। कार्यशाला के अंत में वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. विद्या माहेश्वरी के पूज्य पिता जी एवं इस महा विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. गोपी कृष्ण माहेश्वरी की स्मृति में वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के मेधावी विद्यार्थियों क्रमशः राज चौहान,आदित्य सोलंकी, पायल जायसवाल, करण यादव, शेफाली सोलंकी एवं चंचल पटेल को प्राचार्य एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ.एस.पी.एस.राणा ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि,आज की कार्यशाला के लिए वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय बधाई का पात्र है, जिन्होंने विद्यार्थियों के वर्तमान के साथ ही भविष्य को भी ध्यान में रखते हुए अहम कार्यशाला का आयोजन किया है। इस तरह की कार्यशालाए हर विभाग के द्वारा समय-समय पर आयोजित होने से विद्यार्थियों में सम्प्रेषण कौशल का विकास होता है । कार्यशाला के सफल आयोजन में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के डॉ. संजय गाडगे का विशेष सहयोग रहा स कार्यशाला में डॉ. सचिन दास, प्रो.नैना उपाध्याय,प्रो. दीपक अटाडीया समेत वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के लगभग 317 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया एवं लगभग 200 विद्यार्थी कार्यशाला में सम्मलित हुए। कार्यशाला का संचालन डॉ.सत्यम सोनी एवं आभार डॉ.टीना धारीवाल द्वारा किया गया।
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