देवास। पृथ्वी पर जीवन अनमोल है। हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति की व्यवस्था सामान्य मनुष्य के लिए कल्पना से परे है। हमारे जीवन की डोर प्राकृतिक घटकों के समन्वय से बंधी है। जीवन के लिए जितना महत्व जल का है उतना ही महत्व वायु का भी है। वायु मंडल में उंचाई के अनुसार अलग अलग मंडल है। पृथ्वी तल के निकट क्षोभमंडल होता है। मौसम संबंधी सभी घटनाएं इसंी मंडल में होती है। इससे उपर समताप मंडल होता है। इसी मंडल में होती है ओजोन परत। ऑक्सीजन के तीन परमाणु मिलकर एक अणु ओेजोन का बनाते है। यह उच्च प्रतिक्रियाशील गैस है। ओजोन का मुख्य कार्य है पराबैंगनी विकिरणों का अवशोषण करना। सूर्य विकिरणों के कारण मनुष्यों में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे त्वचा रोग, कैंसर, मोतियाबिंद, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली आदि। पराबैंगनी विकिरणों का वनस्पतियों और समुद्री जीवन पर विपरित प्रभाव होता है। ओजोन परत विकिरण का अवशोषण कर जीवन सुरक्षित बनाती है। किंतु विज्ञान की उन्नति ने सबसे अधिक नुकसान ओजोन परत का किया है। रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशन, स्प्रे एरोसोल और सालवैंटस से उत्पन्न क्लोरोफ्लोरो कार्बन ओजोन से क्रिया कर उसे नष्ट कर देता है।
यदि जीवन को बचाना है तो ओजोन परत बचाना ही होगी। जय हिन्द सखी मंडल द्वारा विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उक्त विचार व्यक्त करते हुए पर्यावरण ट्रेनर रविन्द्र वर्मा ने कहा कि हमें उन्हीं उत्पादों का उपयोग करना चाहिये जिनमें क्लोरोफ्लोरो कार्बन नगण्य मात्रा में उत्पन्न होता है। इस अवसर पर लक्ष्मी बाली और खुशी परिहार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम संकल्पना हर्षा महाजन और अनुभव मिश्रा की थी। सहयोग जसविंदर ग्रेवाल और स्नेहा ठाकुर का था। संचालन अंजली राणे ने किया। आभार तनुश्री विश्वकर्मा ने माना।