राजश्री काले प्राचार्यो में श्रेष्ठ उदाहरण है- हरिसिंह भारती
देवास। महारानी राधाबाई शा.उ.मा.वि. देवास की प्राचार्य राजश्री दत्तात्रय काले के सेवानिवृत्ति के अवसर पर संकुुल अंतर्गत हायर सेकेन्ड्री स्कूल, हाई स्कूल, माध्यमिक और प्राथमिक शालाओं तथा अशासकीय संस्थाओं के प्राचार्य, प्रधान अध्यापक और शिक्षकगणों द्वारा भावभीना विदाई समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी हरिसिंह भारती ने प्राचार्य राजश्री काले की कार्यशैली की चर्चा करते हुए कहा कि सहज और सरल स्वभाव की धनी मैडम प्रशासनिक कार्यो में भी दक्ष थीं। इतने बड़े संकुल के संचालन के लिए प्रशासनिक कौशल, दूरदृष्टि और टीम वर्क की आवश्यकता होती है जो कि मैडम काले के कार्य से सहज ही परिलक्षित हो जाता है। राजश्री काले प्राचार्यो में श्रेष्ठ उदाहरण है। सहायक संचालक शिवनंदन प्रजापति ने राजश्री काले को अपने समय से आगे की प्राचार्य बताया। उत्कृष्ट विद्यालय देवास के प्राचार्य सुधीर सोमानी ने मैडम को सभी प्राचार्यो के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाने वाली प्राचार्य बताया। सी.एम.राइज स्कूल देवास के प्राचार्य देवेन्द्र बंसल ने कहा कि राजश्री काले पूरे स्टाफ को परिवार के सदस्यों की तरह मानती थीं। महारानी चिमनाबाई स्कूल की प्राचार्य रूचि व्यास ने मैडम की प्रशासनिक दक्षताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली अद्भुत थी। सिंगावदा उ.मा.वि. प्राचार्य अनिल सोलंकी ने कहा कि मैडम एक उत्कृष्ट प्राचार्य के साथ उत्कृष्ट मानवीय स्वभाव की महिला रही है। नूतन उ.मा.वि. प्राचार्य अशोक साहू ने मैडम को उच्च कोटि का शिक्षाविद बताया। उ.मा.वि. क्षिप्रा प्राचार्य राजीव सूर्यवंशी ने राजश्री काले के साथ काम करने केे अनुभव सुनाते हुए कहा कि मैडम ने काम पहले घर बाद में के सिद्धांत का हमेशा पालन किया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी अजय सोलंकी ने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में मैडम का बहुत बड़ा योगदान रहा । इस अवसर पर प्राचार्यगण समंदरसिंह परमार, संगीता खड़ीकर और साधना गुप्ता , बी.आर.सी. किशोर वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ. मनीषा सोनी ने किया। इस अवसर पर संकुल राधाबाई अंतर्गत समस्त शासकीय, अशासकीय विद्यालयों के प्रभारी एवं शिक्षक उपस्थित थे। बिदाई समारोह में रविन्द्र वर्मा, अनुभव मिश्रा, इमदाद शेख, रामगोपाल मीणा, सुरेश ठाकुर, मुबारिक खान, अय्युब खान, विनय मिश्रा, पल्लवी उपाध्याय, अनिता तिवारी, रीटा गेब्रियल का विशेष सहयोग रहा। संचालन शबाना शाह और प्रसून पंड्या ने किया तथा आभार हेमंत कानूनगो ने माना।