स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकार एवं अधिवक्ताओं की भूमिका विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी
देवास। श्री कृष्णाजीराव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवास में आजादी के अमृत महोत्सव के बैनर तले स्वतंत्रता आंदोलन में अधिवक्ताओं एवं पत्रकारों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनीष पारीक, सांसद प्रतिनिधि नयन कानूनगो, मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ हेमंत शर्मा, शासकीय अधिवक्ता, विशिष्ट अतिथि अतुल पंड्या, विशेष लोक अभियोजक जिला न्यायालय देवास, रजनीश द्विवेदी, दीपेंद्र तोमर, सावन कौशल, विजय वर्मा कार्यक्रम के समन्वयक डॉ आरके मराठा तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रतन सिंह अनारे मंच पर उपस्थित रहे। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष मनीष पारीक ने मंचासीन सभी अतिथियों का शब्द सुमन से स्वागत किया तथा कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा डॉ आरके मराठा ने प्रस्तुत की। मुख्य वक्ता हेमंत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि अधिवक्ता चिंतनशील समाज है जो सदैव समाज हित के लिए तत्पर रहता है। आजादी के पूर्व विधिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारतीय शिक्षार्थी ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते थे इन्हीं में से मदन लाल धींगरा एक ऐसे जाने-माने विधि वेता है जिन्होंने ब्रिटेन से विधिक शिक्षा प्राप्त कर भारत में आकर समाज हित के विभिन्न कार्य किए। इसी कड़ी में श्री शर्मा ने कहां की स्वराज्य सुराज्य की स्थापना होती है भारत के विभिन्न विधि विशेषज्ञ जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल डॉ राजेंद्र प्रसाद भीमराव अंबेडकर राजगोपालाचारी आदि ने विधिक शिक्षा प्राप्त कर देश हित में अविस्मरणीय योगदान दिया है। श्री शर्मा ने अपने विचार पत्रकारिता पर व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार अपनी तीव्र दृष्टि से समाज के हर पहलुओं पर प्रकाश डालता है स्वाधीनता आंदोलन में पत्रकारों की भी महत्व भूमिका रही है पत्रकार वर्ग ने स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता द्वारा राष्ट्रप्रेम त्याग बलिदान के साथ जुनून को जनता तक पहुंचाया। अंग्रेजों ने इसी कारण कई पत्रकारों को जेल में बंदी भी बनाया लेकिन पत्रकारों का जज्बा कम नहीं हुआ और उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय गाडगे ने किया तथा आभार डॉ आरके मराठा ने माना।
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