आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार में सामूहिक 18000 गुरु वंदन करके रचा इतिहास

देवास। गुरुवर्या श्री शीलरेखाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 7 के सानिध्य में एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भगवान महावीर स्वामी की अविरल पाट परंपरा पर पधारे महान आचार्य एवम गुरु भगवंत के विधिवत सामूहिक दर्शन एवम वंदन सकल श्रीसंघ के साथ किए गए। प्रभू वीर के प्रथम शिष्य लब्धिनिधान गुरु गौतमस्वामी से लेकर वर्तमान गच्छनायक वचनसिद्ध आचार्य श्रीनरदेव सागरजी म.सा. तक सभी गुरुओं के डिजिटल माध्यम से दर्शन, वंदन करके एवम गुरूवर्या के मुख से उनके महान चरित्र का वर्णन सुन कर वहा उपस्थित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं का मन रोमांचित हो उठा। सभी गुरु भक्तों ने विधिवत खड़े होकर और साष्टांग प्रणाम करके पूरे उत्साह से 18000 वंदन संपूर्ण किए। गुरु वंदन के इस कार्यक्रम का संपूर्ण लाभ सिद्धचक्र विहार सेवा ग्रुप द्वारा लिया गया। वंदन की अगवानी के लिए श्रीकृष्ण महाराजा बनने का लाभ कीर्तिराज द्वारा लिया गया। गुरूवर्या ने बताया की महान गुरुओं को भावपूर्वक वंदन करने से हमारे पापों का अशुभ कर्म का नाश होता है और अपार पुण्य का लाभ होता है।


वंदन करने से विनय गुण प्रकट होता है। आगामी 8 अक्टूबर को श्री मणिभद्रबाबा के संकल्प दिवस पर थाल एवम हवन का आयोजन किया गया है। 9 अक्टूबर को शाश्वत तप ओलीजी का प्रारंभ हो रहा है। ओलिजी करवाने का लाभ मांगीलाल छगनीराम पटाखे वाले परिवार द्वारा लिया गया है।आज के ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनने पर सभी भक्तो का आदेश्वर ट्रस्ट मंडल ने आभार व्यक्त किया एवम आगामी सभी कार्यक्रम में पधारने की विनती की।