कपड़े और अन्य सामग्री ब्रांडेड न हो तो चलेगा लेेकिन जीवन जरूर ब्रांडेड होना चाहिये- आचार्य जिनसुंदर सुरी

देवास। कपड़े और अन्य सामग्री ब्रांडेड न हो तो चलेगा लेेकिन जीवन जरूर ब्रांडेड होना चाहिये। आज से ही हमें भविष्य का प्रबंधन करना होगा। इस जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैै, इसलिए धन बचाना जरूरी है। उंचे विचारों वाला सादगीपूर्ण जीवन यापन हमें भविष्य में धन की कमी से निश्चित ही बचाकर रखेगा। देखा देखी से बचकर नई नई भौतिक सामग्री की मंशा न रखते हुए उपलब्ध वस्तु में संतोष ही सुखद भविष्य की सत्य परिभाषा है। देखा देखी दुख ही देती है। हमारी नई पीढ़ी ने अवश्य पूूर्व जन्मों में कुछ पुण्य किया होगा। इसीलिए आज उच्च कुल में उनका जन्म हुआ है। हमें हमारी इस भावी पीढ़ी को सुसंस्कार देना ही होगा। उनके आत्म उत्थान की चिंता भी करना होगी। धर्म के प्रति उनके मन में सद्भाव जगाना होगा। यदि यह नहीं किया तो नियती हमें कभी माफ नहीं करेगी। हम जिस वस्तु का सद्उपयोग करेंगे कर्म सत्ता वही वस्तु हमें कई गुना करके पुन प्रदान करती है। श्री आदेश्वर मंदिर आदिनाथ चौक, बड़ा बाजार में विशाल धर्मसभा को उपदेशित करते हुए यह बात आचार्य श्री जिनसुंदर सुरीश्वरजी ने कही। आपने आगे कहा कि हमें हमारे आगामी भव जीवन के लिये भी पुण्य एकत्रित करना है। हमें जो समय, संपत्ति, शरीर और सामर्थ्य मिला है उसका उपयोग सद्कार्य एवं सद्कर्मो में करके हम उसके बदले में पुण्य का बड़ा भंडार खड़ा कर सकते है। यही पुण्य हमारा अगला जन्म कैसा होगा निर्धारित करेगा। मनुष्य जन्म से ही हम देव और प्रभु बनने का मार्ग बना सकते है और यहीं से हम अधोगति में भी जा सकते हैं। हमें सद् विवेक से सही फैसला लेना होगा कि हमंे क्या करना है और क्या बनना है। प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि 4 अपै्रल से नवपद ओलीजी एवं इससे संबंधित प्रवचन श्रृंखला का शुभारंभ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में होगा। 9 दिन तक चलने वाली इस आराधना में तपस्वी रूखा सूखा एवं नीरस भोजन सिर्फ एक समय प्राप्त करके कठोर तपश्चर्या करेंगे। कार्यक्रम का संचालन राजेश बागरेचा ने किया। आभार भरतेश जैन ने माना।
