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किराना व्यापारी एशो. के 131 सदस्य गिरिराज जी की परिक्रमा पर निकले

देवास। श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो…, तेरी कट जाए बाधा जीवन की तू कर परिक्रमा गोवर्धन की…, गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण… जैसे भजनों से ब्रज भूमि उस समय गुंजायमान हो गई, जब देवास से किराना व्यापारी एशो. के 131 सदस्य गिरिराज जी की परिक्रमा पर निकले। परंपरागत वेशभूषा के साथ डीजे की धुन पर नृत्य करते हुए परिक्रमा प्रारंभ की। सभी सदस्यों की एक समान वेशभूषा स्थानीय रहवासियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। किराना व्यापारी संघ के सभी सदस्यों ने शनिवार को अपनी ब्रज यात्रा का प्रारंभ बरसाना और वृन्दावन दर्शन से शुरू किया। रविवार को सुबह 10 बजे दान घाटी पर गोवर्धन मंदिर के दर्शन के पश्चात परिक्रमा की शुरुआत हुई। पुरुष सफेद कुर्ता-पजामा, जैकेट,  दुपट्टा धारण किए परिक्रमा में शामिल हुए, जबकि महिलाओं ने रानी रंग के वस्त्र व दुपट्टा धारण किया। आगे दूध की धार के साथ सदस्यों ने गिरिराज महाराज के जयकारे लगाए। भजनों से वातावरण पूर्ण रूप से भक्तिमय हो गया। संपूर्ण परिक्रमा मार्ग पर गोवर्धन महाराज के जयकारे सुनाई दिए। परिक्रमा में 131  सदस्य शामिल हुए। सभी सदस्यों ने जतिपुरा मुखारविंद पर दूध से भगवान का अभिषेक किया। गोवर्धन में भी स्थानीय रहवासियों में देवास के इस संघ की परिक्रमा को लेकर उत्साह दिखाई दिया। रहवासियों में भव्य तरीके से निकली इस परिक्रमा को लेकर चर्चा बनी रही। गिरिराज महाराज से सभी के लिए मंगल कामनाओं व पूजन-अर्चन के साथ परिक्रमा का समापन हुआ। यह यात्रा का तृतीय वर्ष था। तृतीय दिवस सुबह सभी सदस्यों का देवास आगमन हुआ।

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