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गलत इलाज के कारण युवक की मौत परिजन का आरोप- झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली जानथाने पंहुचकर परिजनों ने की डाक्टर की शिकायत

देवास। देवास के औघोगिक थाना क्षेत्र के सनसिटी क्षैत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन व उपचार किया गया, जिससे युवक की मौत हो गई। जब युवक की तबीयत अधिक खराब हुई तो डाक्टर उन्हें दूसरे अस्पताल भेजना का कह दिया गया। जिसके बाद उसके परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल देवास लाए लेकिन स्थिति बिगढ़ती देख। निजी अस्पताल ले गए जहा से डाक्टरों द्वारा इंदौर की सलाह दी गई। घटना 23 नंबर की बताई जा गई है।
´आवेदनकर्ता मनोज पवार ने बताया की मेरा पुत्र क्रश पवार उम्र 17 वर्ष,की तबीयत खराब थी। उसके परिजन उसे लेकर डॉ.के.एल.राठोर निवासी सन सिटी 2 के ही पास इलाज के लिए ले गए। डॉक्टर ने उसे अपने ही क्लिनिक पर दो इंजेक्शन लगाय व एक बोतल लगाई व घर भेजने के पूर्व कुछ दवाई अपने पास से दी व अगले दिन फिर आने को कहा. अगले दिन यही क्रम दोहराया गया व स्वयं डॉ. द्वारा मेरे बेटे के खून का सेम्पल लेकर जाच के लिए एपेक्स हास्पिटल देवास भेजा जिसकी रिपोर्ट भी डॉ. ने स्वयं बुला ली व पुन: अगले दिन आने को कहा. आराम नहीं लगने पर मेरे बालक व उसकी माँ ने डॉ. को शिकायत की जिस पर दिनांक 25/11/2024 ईलाज कर खून का सेम्पल लेकर दवाई देकर घर जाने को कहा व अगले दिन आने को कहा अगले दिन दिनांक 26/11/2024 को कोई आराम नहीं होने पर डॉ. ने फिर इलाज किया तभी मेरे बेटे की तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर बताया की इसे डेगू हो गया हे इसका इलाज अब आप बड़े दवाखाने में करवाओ. मेरे परिवार के सदस्य तुरंत मेरे बालक को एम.जी.अस्पताल ले गये जहा अधिक हालत बिगडऩे पर उसे निजी अस्पताल ले जाया गया जहा से डॉ. द्वारा इंदौर की सलाह दी गई जिस पर से मेरा परिवार उसे अरबिंदो हॉस्पिटल इंदौर ले गय वहा पर मेरे बालक की हालत देख डॉ. ने इलाज करने में असमर्थता बताई जिसके चलते मेरे परिवारजन व मित्र बाम्बे हॉस्पिटल इंदौर ले गये दिनांक 26/11/2024 को शाम 07.30 पर भर्ती कर ईलाज चालू किया गया व दिनांक 28/11/2024 को मेरे पुत्र को डॉ. द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। वही औघोगिक पुलिस थाना टीआई शशिकांत चौरसिया का कहना है कि मामले में परिजनों द्वारा उाक्टर के विरूद्ध आवेदन दिया गया है जाचं की जा रही है ।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल
बीते कुछ समय में झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज की खबरें सुनने कव देखने को मिल रही है । हालांकि, स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर इन झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई करता है, लेकिन इसके बाद स्थिति सामान्य हो जाती है और यह अवैध गोरखधंधा जारी रहता है। सीएमओ ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिडिया को माध्यम से मिली है वह तत्काल उक्त मामले की जांच के लिए एक टीम भेजेंगे।

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