गुरुवर्या शीलरेखाश्रीजी की निश्रा में नवकारमहामंत्र अनुष्ठान पूर्ण

देवास। आनंदम चातुर्मास के अंतर्गत आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार में 9 दिन से चल रहे नवकार महामंत्र का अनुष्ठान हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह अनुष्ठान संपूर्ण जगत के रोग,शोक,भय,आपदा, विपदा के निवारण हेतु एवम सकल विश्व के सुख की कामना के लिए किया गया। इस अनुष्ठान की पूर्णाहूति पर नवकार महामंत्र की 68 पूजा विशिष्ट मंत्रोच्चार के द्वारा एवम नारियल,फल,नैवेद्य,ध्वजा,धूप, दीप,चंदनचूर्ण आदि के समर्पण के साथ संपन्न हुई। इस तप के दौरान गुरूवर्या द्वारा नवकार के 68 अक्षरों पर 68 प्राचीन तीर्थों की भावयात्रा कराई गई। नवकार महामंत्र की महिमा बताते हुए गुरूवर्या श्रीजी ने कहा की इस मंत्र की महिमा अपरंपार है। इस मंत्र में हजारों देव देवियों का वास है।


मंत्र का ध्यान एवं जाप करने वालों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। भक्तो को इस मंत्र को हृदय में स्थापित करते हुए पल पल स्मरण करना चाहिए,और प्रतिदिन एक माला अवश्य गिनना चाहिए। पूज्य श्री ने कलश उत्थापन के साथ विधान पूर्ण किया। सभी तपस्वी के महामंत्र के जयजयकार के नारों से आराधना भवन गुंजायमान हो उठा। निर्विघ्न अनुष्ठान पूर्ण होने पर सभी आराधको ने नाचते गाते मंदिरजी की परिक्रमा पूर्ण की। 1008 दीपक द्वारा महाआरती की गई।आगामी 6 अक्टूबर रविवार को पूज्य साध्वीजी की निश्रा में भगवान महावीर की पाट पर पधारे महान आचार्य एवम साधु, मुनि भगवंत को एक साथ 18000 वंदन सभी भक्तो द्वारा किया जायेगा। इस अद्भुत अविस्मरणीय नजारे का देखने के लिए आदेश्वर ट्रस्ट मंडल द्वारा सकल श्री संघ को भावभरा आमंत्रण है।