गुरूवर्या शीलरेखा श्रीजी के सानिध्य में सागरजी महाराज साहब का जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ

देवास। पूरे भारत के जैन मंदिरों में सागरजी महाराज साहब का 150 वा जन्मदिवस बहुत ही उल्लास पूर्वक मनाया गया।इसी कड़ी में देवास में आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार में भी पूज्य सागरजी महाराज साहब का जन्मदिवस त्रिदिवसीय महोत्सव के रूप बहुत उल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रथम दिन सामूहिक सामयिक का अनुष्ठान रखा गया।जिसमें सैकड़ो की संख्या में गुरुभक्तों ने भाग लिया। सभा में गुरूवर्या श्रीजी ने सागरजी मा सा का जीवन का वरणन किया। गुरूवर्या ने बताया कि इस धरा पर एसे बहुत कम लोग होते हैं जो इतिहास का सृजन करने के लिए जन्म धारण करते हैं। गुजरात के कपड़वंज में आज से डेढ़ 150 वर्ष पूर्व पूज्य श्री का जन्म हुआ था। पूज्य श्री साहसी निडर दयालु ओजस्वी वक्ता तो थे ही, वो शास्त्रों के ज्ञान के भंडार थे। उनको चलती फिरती लाईब्रेरी कहा जाता। गुरूवर्या ने फरमाया कि अगर सागरजी मा सा न होते तो आज जैनों के शास्त्र सुरक्षित ना होते और आज जो हम तीर्थ यात्रा करते हैं आज वह तीर्थ भी सुरक्षित ना होते। हमारे महत्वपूर्ण तीर्थो को भी अंग्रेजों ने हिल स्टेशन बना दिया होता। जैनों के शास्त्र, जिन्हें 45 आगम कहते हैं उन्हीं की वजह से आज सुरक्षित है,इसलिए उन्हें आगमोद्धारक की उपाधि प्राप्त हुई। सागरजी मा. सा. ने जीवन पर्यंत विशुद्ध संयम की उपासना की। उनके उच्च जीवन से प्रभावित होकर प. मदनमोहन मालवीय, जर्मनी के प्रोफेसर हर्मन जेकोबी,मफतलाल जेवरचंद, महात्मा गांधी जैसे महान हस्तियों ने भी सागरजी मा सा से संगोष्ठी की थी। उनके आगे अंग्रेजो को भी झुकना पड़ा,ऐसा उनका व्यक्तित्व था। उनके जन्मोत्सव पर आराधना भवन में बच्चों द्वारा उनके जीवन का चित्रण नाटक एवं नृत्य द्वारा किया गया, जिसे देखकर वहां उपस्थित सैकड़ो गुरु भक्त भावविभोर हो गए।


विशाल जनमेदिनी की बीच बच्चों की सुन्दर प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। कई भक्तों ने कविता के माध्यम से,गीत के माध्यम से, भाषण के माध्यम से गुरु को अपनी भावांजलि व्यक्त की। वही महिला मंडल द्वारा सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। नवयुवक मंडल द्वारा गुरु की प्रतिमा के आगे सुंदर सजावट की गई। ट्रस्ट मंडल एवं महिला मंडल द्वारा 150 वे जन्मदिन के उपलक्ष में 150 नैवेद्य एवं 150 फल,दीपक और अक्षत द्वारा गुरु की भक्ति की गई। पूज्य श्री की प्रथम पूजा का लाभ श्री दीपचंद जी सोनी परिवार द्वारा लिया गया।कार्यक्रम के पश्चात श्री संघ द्वारा स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया। फ्रेंडशिप डे के उपलक्ष में छोटे छोटे बच्चों द्वारा गुरु को कल्याण मित्र बनाने के लिए प्रार्थना की गई और गुरु की ओर से बच्चों को रक्षा कवच प्रदान किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आदेश्वर ट्रस्ट मंडल ने सभी का आभार माना।
