गेहूं के समर्थन मूल्य में मामूली वृद्धि पर युवा किसान संगठन का विरोध, गेहूं का समर्थन मूल्य 3500 रूपए एवं सोयाबीन 8000 रूपए प्रति क्विंटल करे केन्द्र सरकार- श्री चौधरी

देवास। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं की समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 2275 रूपए से बढ़ाकर 2425 रूपए करने की घोषणा की है। यह वृद्धि किसानों के हित में नहीं है और मध्य प्रदेश के किसानों के साथ एक धोखा साबित हो रही है। युवा किसान संगठन अनुसार, वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में यह स्पष्ट किया था कि वे किसानों से गेहूं 2700 रूपए प्रति क्विंटल पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन अब, तीन वर्षों बाद, महंगाई दर के मद्देनजर, कम से कम गेहूं की एसपी 3500 रूपए प्रति क्विंटल होनी चाहिए। वर्तमान समय में किसानों का गेहूं 2275 की एमएसपी 23/- रूपए कि.ग्रा. पर खरीदा जा रहा है। वहीं प्राइवेट कंपनियां इस गेहूं का आटा 54 और 58 रूपए कि.ग्रा. पर आम उपभोक्ता को बेच रही है। (सिल्वर कॉइन 54 रुपए प्रति किलो आशीर्वाद आटा 58 रूपए प्रति किलो) इन्हीं सब लापरवाहियों के चलते आम उपभोक्ता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसान जो अपने अथक परिश्रम, कड़ी मेहनत व खून पसीने से जो फसल तैयार करता है ओने पोने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होता है जिसके चलते आज मध्य प्रदेश किसान आत्महत्या में लगभग पहले पायदान पर खड़ा है। केंद्रीय कृषि मंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान जी मध्य प्रदेश का किसान दुनिया में सबसे बेहतरीन गेहूं उत्पादन करता है व यह वही किसान है जिसमें आपके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में 17त्न की कृषि विकास दर से पूरे देश भर में सबसे अधिक गेहूं का उत्पादन किया।
संगठन अध्यक्ष रविन्द्र चौधरी का कहना है कि 2700 रूपए से भी कम एमएसपी देना किसानों की पीठ पर वार करने के समान है। युवा किसान संगठन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार इस आदेश को संशोधित करें और गेहूं की एमएसपी को 3500 रूपए प्रति क्विंटल और सोयाबीन की 8000 रूपए प्रति क्विंटल करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। यह समय है कि सरकार किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझे और उनके हित में ठोस कदम उठाए।

