
देवास। दो माह पूर्व सरपंचों का भोपाल में आंदोलन हुआ था। आंदोलन में मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतु पटवारी ने मांग की थी कि सरपंचों के अधिकारों में बढोतरी की जाकर सचिवों व रोजगार सहायकों के अधिकारों में कटोतरी की जाए। जिसके बाद मप्र शासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक के गोपनीय प्रतिवेदन सरपंचों द्वारा लिखा जाए। उक्त आदेश के विरोध में म.प्र. पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक संगठन संयुक्त मोर्चा जिला देवास के समस्त सचिव व रोजगार सहायत मंगलवार को सर्किट हाऊस में एकत्रित हुए और रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। मप्र पंचायत सचिव संगठन जिलाध्यक्ष आनंद सिंह राजपूत एवं मप्र ग्राम रोजगार सहायक संगठन जिलाध्यक्ष मोहन बडवाया ने बताया कि विभिन्न समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ है की मप्र में ग्राम पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन लिखने के अधिकार ग्राम पंचायत के सरपंचों को प्रदान किये जा रहे है, इस खबर से पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों में रोष का व्याप्त है। ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक रूप से सचिव और ग्राम रोजगार सहायक शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को नि:स्वार्थ बिना किसी के दबाव में आये आम जनमानस तक पहुंचाते है। ऐसे में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उठाये जा रहे इस कदम से पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा नियमों के तहत किये जाने वाले विभिन्न कार्य दबाव में आकर प्रभावित हो सकते है। यही नहीं गोपनीय प्रतिवेदन सरपंचों द्वारा लिखें जाने से मध्यप्रदेश की बहुतायत ग्राम पंचायतों में विवाद की स्थिति बन सकती है। उपरोक्त कारणों से यह आवश्यक है। ग्राम पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन पूर्णत: शासकीय कृत होकर पंचायत सचिवों के ए.सी.आर में प्रथम मत पंचायत समन्वय अधिकारी अथवा खण्ड पंचायत अधिकारी के द्वारा दर्ज किया जायें एवं समीक्षाकर्ता अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा स्वीकृतकर्ता अधिकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बनाया जाना चाहिये। ग्राम रोजगार सहायकों के लिये म.प्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र क्रं. 2677 दिनांक 15.04.2017 के अनुसार वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन हेतु नियत अधिकारी पूर्ववत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को ही रखा जाना चाहिये। संयुक्त मोर्चा ने ज्ञापन देकर मांग की है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन लिखने के अधिकार सरपंचों को ना दिया जाकर उपरोक्तानुसार की व्यवस्था की जाए।
