चरित्र निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण हो सकता है- आचार्य राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर

देवास। आलोक इंटरनेशनल स्कूल उज्जैन में इंदौर ग्रुप के 10 एमपी बटालियन द्वारा आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत कैंप में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ज्ञान प्रकाश चौधरी सेना मेडल के मार्गदर्शन में आयोजित शिविर के विशेष आमंत्रित व्याख्यान के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के संस्कृत के प्राध्यापक डॉ राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी देश में चरित्र निर्माण के शिक्षा नहीं दी जाती। भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां पर चरित्र निर्माण की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी युवा हैं और यदि आप अपने चरित्र का निर्माण करेंगे तो उससे समाज उन्नत होगा और यदि समाज होगा तो राष्ट्र उन्नत होगा और यह उन्नत राष्ट्र की पहचान है। उन्होंने कहा कि ज्ञान मार्ग सभी के लिए समान है अध्ययन करें, अध्ययन का बोध करें और उसे अपने आचरण में लाए। उन्होंने सोने का उदाहरण देते हुए बताएं सोने को जितना तपते हैं उतना शुद्ध होता जाता है उसी प्रकार यदि आप इतनी अधिक मेहनत करेंगे उतनी अधिक सफलता जीवन में प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर एडमिनिस्ट्रेटर ऑफिसर एलटी कर्नल विनीत कुमार, एएनओ, कैप्टन कनिया मैडा, लेफ्टिनेंट डॉ संजय गाडगे, लेफ्टिनेंट प्रमिथ बदेका लेफ्टिनेंट जयपाल सिंह जडेजा लेफ्टिनेंट निर्मल पटेल,सूबेदार मेजर नेतर सिंह, सूबेदार बलविंदर सिंह, गुरतेज सिंह, निर्मल सिंह, सूबेदार हीरा सिंह, नायब सूबेदार गुरप्रीत सिंह, बटालियन हवलदार मेजर अमरजीत सिंह के साथ गुजरात तथा छत्तीसगढ़ के एएनओ आदि उपस्थित रहे ।

