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जहाँ मिट्टी से होता है तिलक और युद्धभूमि बनती है प्रेरणा, देवास में श्रद्धा और आधुनिक प्रस्तुति के संग मनाया गया छत्रपति शिवाजी महाराज का 351वाँ राज्याभिषेक समारोह

देवास। श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के 351वें राज्याभिषेक समारोह का आयोजन देवास नगर में अत्यंत गरिमा और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। यह ऐतिहासिक अवसर स्थानीय मल्हार स्मृति मंदिर परिसर में जनसामान्य की उत्साही उपस्थिति के बीच सम्पन्न हुआ, जिसमें देवास शहर के विविध समाजों के नागरिक, युवाजन, महिलाएं और इतिहासप्रेमी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह रही कि पुणे से आमंत्रित दो विशिष्ट इतिहासविद् सारंग मांडके एवं सारंग बोहीरकर ने लगभग दो घंटे से अधिक समय तक अत्यंत ज्ञानवर्धक, भावविह्वल कर देने वाला और देशभक्ति से ओतप्रोत व्याख्यान प्रस्तुत किया। इन दोनों विद्वानों ने शिवाजी महाराज के जीवन, उनके शौर्य, रणनीति, प्रशासनिक दूरदर्शिता और मराठा साम्राज्य के अभूतपूर्व सैन्य अभियान पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ गहराई से प्रकाश डाला।
डिजिटल प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध
आधुनिक तकनीक के माध्यम से एलईडी स्क्रीन पर प्रस्तुत प्राचीन किले, युद्ध स्थल, सैन्य छावनियाँ, भौगोलिक स्थिति, युद्ध की रणनीति और नक्शों ने कार्यक्रम को अत्यंत जीवंत और रोमांचक बना दिया। श्रोताओं ने एक-एक दृश्य को जैसे इतिहास की आंखों से देखा। युद्धभूमि पर शिवाजी महाराज और उनके शूरवीरों की योजना, शत्रु की स्थिति, मराठा सैन्य पंक्तियों की सज्जा और उनके साहसिक निर्णयों को इतनी सहजता से प्रस्तुत किया गया कि श्रोता बार-बार तालियों की गडग़ड़ाहट से हाल गुंजायमान करते रहे।
पवित्र मिट्टी से हुआ स्वागत
समारोह की शुरुआत में एक अनूठा और भावनात्मक स्वागत हुआ। कार्यक्रम स्थल पर आने वाले प्रत्येक श्रोता का स्वागत रायगढ़ दुर्ग और हल्दीघाटी की पवित्र मिट्टी से तिलक करके किया गया। इस पुण्य कार्य का दायित्व श्री शिव छत्रपति राज्याभिषेक समिति देवास की महिलाओं ने निभाया। तिलक के साथ ही सभी आगंतुकों को महाराज शिवाजी की स्मृति में एक-एक पुष्प भी भेंट किया गया।
अतिथियों और वक्ताओं का भव्य स्वागत
मुख्य वक्ताओं सारंग मांडके एवं सारंग बोहीरकर का स्वागत समिति के सदस्यों अजीत भला, दीपक कर्पे, मनीष पारीक, कीर्ति चव्हाण सहित महिलाओं की विशेष टोली ने पारंपरिक मराठी पद्धति से किया। विद्वानों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। मंच संचालन अत्यंत कुशलता से राधिका जाधव और पल्लवी जाधव ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम की विभिन्न कडिय़ों को सुव्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। वक्ताओं का संक्षिप्त ऐतिहासिक परिचय इतिहासकार एवं समिति के संस्थापक दिलीप सिंह जाधव ने दिया। उनके वक्तव्य में शिवाजी महाराज के स्वराज्य के स्वप्न को आज की पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अंत में समिति के सचिव कीर्ति चव्हाण ने मंच से सभी उपस्थितजन, सहयोगियों, वक्ताओं, तकनीकी दल और मीडिया का आभार माना।
समाज के लिए प्रेरणा
यह समारोह केवल एक ऐतिहासिक स्मरण नहीं बल्कि समाज के लिए एक प्रेरक क्षण बन गया, जिसमें यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरा कि आज भी यदि शिवाजी महाराज की दूरदृष्टि, राष्ट्रभक्ति, प्रशासनिक ईमानदारी और युद्ध नीति से प्रेरणा ली जाए तो देश और समाज में कई सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। श्री शिव छत्रपति राज्याभिषेक समिति ने कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं से आग्रह किया कि वे इतिहास को केवल पुस्तकों तक सीमित न रखें, बल्कि शिवाजी महाराज के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। साथ ही आगामी वर्षों में ऐसे आयोजन और भी भव्य स्तर पर किए जाने का संकल्प लिया गया।

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