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जिला जेल परिसर में चोरों का तांडव! चौबीस घंटे की सुरक्षा बेकार, चार सरकारी क्वार्टरों के ताले तोडक़र चोर ले उड़े लाखों जेल में पहले कैदी का बात करते रील का वायरल, अब क्वार्टरों में चोरी ने खोली सुरक्षा की पोल

देवास। जिला जेल के अंदर अब न सुरक्षा बची, न सिस्टम पर भरोसा.! देवास जिला जेल परिसर में चोरों ने बीती रात जमकर तांडव मचाया। चोरों ने जेल परिसर के अंदर बने चार सरकारी क्वार्टरों को निशाना बनाकर ताले तोड़े और लाखों की नगदी और गहने समेटकर चंपत हो गए। सबसे शर्मनाक बात ये सब हुआ उस जेल परिसर में, जहां 24 घंटे पुलिस और जेल सुरक्षा तैनात रहती है!
छुट्टी पर गए कर्मचारियों के सूने मकान बने शिकार
जिन क्वार्टरों में चोरी हुई, वहां के जेलकर्मी अवकाश पर थे। सूने घरों की खबर शायद चोरों को पहले से थी। उन्होंने बिना किसी डर के एक-एक कर चार क्वार्टरों के ताले तोड़े और सारा कीमती सामान समेट ले गए। चोरी का पता तब चला जब सोमवार सुबह कर्मचारियों ने टूटे ताले देखे और अफसरों को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और जेल प्रशासन मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक चोरों के पैर भारी हो चुके थे।
पहले वायरल हुआ था जेल का वीडियो, अब सामने आई ये बड़ी लापरवाही
कुछ ही दिन पहले देवास जेल का एक कैदी मोबाइल पर बात करते रिल बनाने कर सौशल मिडिया पर जमकर हुए वायरल हुई थी। उस समय कलेक्टर ऋ तुराज सिंह ने खुद जेल का औचक निरीक्षण कर जेल अधीक्षक और जेलर को फटकार लगाई थी। उन्होंने सुरक्षा में लापरवाही पर कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन अफसोस! वो निर्देश भी अब महज़ कागज़ों की खानापूर्ति बनकर रह गए हैं।
चोरों को जेल परिसर की थी पूरी जानकारी….?
जेल परिसर के अंदर चोरी की यह दुस्साहसिक घटना कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है। क्या चोरों को जेल परिसर का नक्शा और जानकारी पहले से थी..? क्या किसी अंदरूनी व्यक्ति की मिलीभगत है…? क्या जेल परिसर अब कैदियों और कर्मचारियों के लिए भी असुरक्षित हो गया है…?
जेल परिसर की सुरक्षा पर बड़ा सवालिया निशान
जिस परिसर की सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड रहते हैं, वहां एक के बाद एक चार क्वार्टरों में चोरी हो जाना सुरक्षा इंतजामों पर करारा तमाचा है। अगर जेल के अंदर ही ताले सुरक्षित नहीं हैं, तो शहर के आम नागरिक अपने घरों को कैसे सुरक्षित मानें?
फॉरेंसिक टीम से जुटाए जाने की बात
नाहर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम द्वारा मौके से फिंगरप्रिंट और अन्य सुराग जुटाए जाने की बात कही जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, हालांकि प्राथमिक जांच में अभी तक कोई ठोस क्लू पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है।
पीडि़तों की वापसी के बाद खुलेगा चोरी का पूरा खेल
जिन मकानों में चोरी हुई, उनके कर्मचारी फिलहाल अवकाश पर हैं। उनके लौटने के बाद ही साफ होगा कि चोरों ने कितने कीमती सामान और कितनी नकदी पर हाथ साफ किया है। अनुमान है कि कुल चोरी की रकम लाखों में होगी।
अगर जेल में ताले टूट रहे हैं, तो बाहर क्या हाल होगा..?
देवास जिला जेल की यह घटना साबित करती है कि सुरक्षा सिर्फ नाम की रह गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस वाकई चोरों तक पहुंच पाएगी, या यह मामला भी उन फाइलों में दफ्न हो जाएगा, जिन पर अक्सर सिर्फ धूल जमती है।

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