आपका शहरइंदौरउज्जैनदेवासभोपालमध्यप्रदेश

जैव विविधता संरक्षण पर ग्राम वन समितियों का जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

देवास। आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत बाएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा जलवायु स्मार्ट ग्राम विकास कार्यक्रम के तहत सोनकच्छ विकासखंड की 22 ग्राम वन समितियों के कार्यकारिणी सदस्यों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन वन विभाग के रेस्ट हाउस, दौलतपुर, सोनकच्छ  में संपन्न हुआ। जिसमें जैव विविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियों पर गहन तकनीकी चर्चा की गई। इस प्रशिक्षण में आईटीसी के परियोजना कार्यकारी सहयोग तिवारी, बाएफ के राज्य प्रमुख पवन पाटीदार, वन विभाग के रेंजर श्री राजेंद्र सिंह सोलंकी और अन्य विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन दिया। प्रतिभागियों को जैव विविधता के महत्व, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, और समुदाय-आधारित समाधानों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रमुख बिंदु: जैव विविधता की अहमियत, प्रशिक्षण में बताया गया कि जैव विविधता संरक्षण, ग्राम विकास का एक प्रमुख आधार है। विशेषज्ञों ने समझाया कि पर्यावरणीय स्थिरता कैसे ग्रामीण आजीविका को मजबूत कर सकती है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि, वन्य जीवन और जल संसाधनों पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को रेखांकित किया और इनके समाधान पर चर्चा की। सामुदायिक सशक्तिकरण: ग्रामीण समुदायों की सहभागिता और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत बनाने में ग्राम वन समितियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। पारिस्थितिकी संरक्षण पर कार्य योजना: प्रशिक्षण के अंत में ग्राम समितियों को क्षेत्रीय जैव विविधता के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए कार्ययोजना तैयार करने और उसे लागू करने की रणनीति सिखाई गई। उक्त कार्यक्रम मे विशेषज्ञों के विचार: पवन पाटीदार ने विभिन्न पहलुओं पर ग्रामीण विकास में बाएफ के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि आईटीसी और बाएफ का उद्देश्य न केवल ग्राम विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि जैव विविधता और पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करना है। सहयोग तिवारी ने कहा कृषि मित्र कीटों और जीवों के संरक्षण के साथ जैव विविधता को बनाए रखने के लिए ग्राम वन समितियों ने इस प्रशिक्षण की सराहना की है। शासन-स्तरीय योजनाओं का समन्वय करते हुए जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर गहनता से कार्य करने की आवश्यकता है। राजेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा ग्राम वन समितियां ग्रामीण पारिस्थितिकी संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस प्रशिक्षण से इन समितियों को नई दिशा मिलेगी। परियोजना टीम के विषय विशेषज्ञों द्वारा परियोजना के तहत किये जाने वाले सहयोगात्मक तकनीकी कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम में बाएफ के रीजनल इंचार्ज जे.एल. पाटीदार, परियोजना समन्वयक नेहा खन्ना, प्रोजेक्ट लीडर संदीप लेवा, कृषि विशेषज्ञ मोनू चौरे, आरती राठौर, नंदू तालमपुरे, टीम सदस्य सोमला गामड़, सागरमल मालवीय, मुकेश बडक़निया, जितेंद्र लिम्बोदिया, और ग्राम वन समितियों के अध्यक्ष जीवन सिंह, गोकुल सिंह, पवन सिंह, राजेंद्र सिंह, यशवंत सिंह,सुरेश आर्य आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जे.एल. पाटीदार ने किया और आभार प्रदर्शन संदीप लेवा द्वारा किया गया।

Related Articles

Back to top button

कृपया खुद मेहनत करे...