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रावण वध, यज्ञ एवं भंडारे के साथ श्री रामकथा की पूर्णाहुति 

देवास। श्री आदर्श रामायण मण्डल महिला समिति एवं श्री हरि बोल सेवा समिति द्वारा मण्डल की पूर्व सदस्य स्वर्गवासी माताओं की स्मृति में नूतन नगर उद्यान में चल रही श्री रामकथा की पूर्णाहुति यज्ञ एवं रावण वध के साथ हुई। आयोजक धर्मेन्द्र ठाकुर एवं संजय बोर्डिया ने बताया कि कथा के अंतिम दिवस पंडाल को आकर्षक रूप से सजाया जाकर रावण वध का सचित्र वर्णन किया गया। कथावाचक पंडित देवराज शर्मा ने भगवान राम के वन गमन के साथ लंका प्रवेश और राम-रावण युद्ध के साथ रावण वध की कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीलंका में पाप और पुण्य के बीच तथा धर्म और अधर्म के बीच युद्ध शुरू हो चुका था। रण में एक-एक कर रावण के सभी पुत्रों व भाइयों का नाश होने लगा। अंतत: जब सेना कम पड़ी तो रावण ने श्री राम प्रभु की सेना को नष्ट करने के लिए छह माह सोने वाले भाई कुंभकर्ण को असमय ही जगाया। यह प्रयास भी निरर्थक साबित हुआ और कुंभकर्ण को भी वीरगति प्राप्त हुई। रावण ने फिर मेघनाद को युद्ध भूमि में भेजा। मेघनाथ के शक्तिबाण से लक्ष्मण बेहोश हो गए। उनका उपचार करने के लिए हनुमान विभीषण के कहने पर सुषेण वैद्य को भवन सहित उठा लाए। उन्होंने सूर्योदय से पहले हनुमान से संजीवनी लाने को कहा।

इस पर हनुमान पूरा का पूरा पहाड़ ही उठा लाए। संजीवनी के उपचार से लक्ष्मण को होश आया। इसके बाद उन्होंने मेघनाद का वध कर दिया। आखिर में स्वयं रावण युद्ध भूमि में आया। राम का प्रताप देख वह आकाश मार्ग में पहुंच गया जहां पहुंचकर प्रभु श्री राम ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर उसकी नाभि का अमृत सोख लिया और उसका वध कर दिया। रावण वध का प्रसंग सुनते ही भक्तजन भाव-विभोर हो उठे और पूरा आयोजन स्थल प्रभु श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। कथा के दौरान पार्षद धर्मेंद्र सिंह बैंस पार्षद एवं गणेश पटेल पार्षद द्वारा महिला भजन मंडलों को भजन सामग्री वितरण की गई। व्यासपीठ कि आरती महिला मंडल की जामवंती मिश्रा, भारती दीक्षित, दिव्या ठाकुर, ममता चौहान, उषा जोशी, आशा राठौर, आशा शर्मा, शालू ठाकुर, प्रेमलता मिश्रा, शकुंतला चौहान, सभापति रवि जैन, पार्षद धर्मेन्द्र सिंह बैस, गणेश पटेल, अजय तोमर, ओम जोशी, सचिन जोशी, भारत चौधरी, नवीन सोलंकी, शुभम चौहान, सुरेश सिलोदिया, मुकेश सोनी, आशीष ठाकुर, छोटू डाबी ने आरती कर कथा वाचक पंडित देवराज शर्मा जी इंदौर वाले का सम्मान किया। आरती पश्चात भण्डारा प्रसादी का वितरण हुआ।

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