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त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के मामले में जांच शुरू, तीन दिनों तक चलेगी जांच,  शिकायत के बाद जिलाधीश ने उपायुक्त सहकारिता अधिकारी को दिए जांच के दिए थे आदेश

देवास। विगत दिनों कलेक्टर ऋषव गुप्ता को जनसुनवाई में त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित के सदस्यों ने दस्तावेजों के साथ शिकायत की। शिकायत पर एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने जांच दल गठित कर निराकरण करने का आश्वासन दिया था। सामाजिक कार्यकर्ता एव नेशनल यूनिटी ग्रुप के संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने बताया कि कलेक्टर के आदेश के पश्चात संस्था के सदस्यों को जांच दल ने उपायुक्त सहकारिता कार्यालय दस्तावेज लेकर बुलाया और मामले की जांच की। जिला सहकारिता अंकेक्षण अधिकारी डी.एस. बाल्के के द्वारा यह जाँच तीन दिनों तक की जाएगी। कलेक्टर श्री गुप्ता के आदेश पर दिनांक 8, 9, 10 दिसंबर को प्रात: 11 से 4 बजे तक संस्था के सदस्यों की सुनवाई की जाएगी। जांच दल द्वारा 99 सदस्यों को सूचना दी गई अब भी 25 सदस्य इस सूचना से वंचित है। इसकी जानकारी जब डी.आर. परमांद मोडरिया से ली गई तो उनका उचित जवाब नही मिला। पूर्व अध्यक्ष ने त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के संपूर्ण दस्तावेजो को आज तक उपायुक्त सहकारिता विभाग में जमा किए है। सूचना के अधिकार में जानकारी मांगने पर बताया जाता है कि हम आपको संबंधित दस्तावेज मंगवाकर उपलब्ध कर करा देंगे। इसी प्रकार त्रिलोक नगर के सदस्य श्रीमती नीता मोहन वर्मा ने बताया कि में एमआईजी 2/15 में किराए से रहती थी, फिर मैंने मकान मालिक संमित्रा भालचंद्र मनोहर से मकान सन 2013 में सौदा तय कर पूरा भुगतान कर दिया। जब में संस्था की सदस्यता के तत्कालीन अध्यक्ष और संचालक मंडल के पास गई तो उन्होंने मुझे कहा कि आपने बिना सूचना मकान कैसे खरीद लिया। इसलिए सदस्य बनने पर आपको 50 हजार रूपए देना होगा। मेरे पास इतने पैसे नहीं होने के कारण में देने में असमर्थ थी तो मुझे सदस्य नही बनाया गया, मुझे भी संस्था का सदस्य बनाया जाए। त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गजेंद्र तिवारी, पीयुष जोशी, भूपेंद्र पांडे, नरेंद्र दांडके, मुकेश रावत, स्वाधीन खरे, यशवंत कुलकर्णी, रमेश आरके, मदनसिंह राघव, प्रेम सिंह चौहान, सुधीर सालुन्के, एमएल गुप्ता आदि ने रजिस्ट्री की कार्यवाही के लिए सभी सदस्यो से सहयोग की अपेक्षा की है। साथ ही सभी से अपने मकान की जमा रसीद, इकरारनामा, अनुबंध पत्र उपायुक्त सहकारिता विभाग में जमा का अनुरोध किया।

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