त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के तत्कालीन अध्यक्षों, उपाध्यक्षों एवं संचालक मण्डलों सहित 18 पर धारा 76 (2)के अंतर्गत सहकारिता विभाग को आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश

देवास। त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित तत्कालीन अध्यक्ष उनकी पुत्रवधु, 3 पूर्व तत्कालीन पूर्व उपाध्यक्ष, संचालक मंडल सहित 18 पर कलेक्टर ऋषव गुप्ता के आदेश पर मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के अंतर्गत आदेश पारित हुआ।
सामाजिक कार्यकर्ता संस्था नेशनल यूनिटी ग्रुप के संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने बताया कि त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित देवास के संबंध मे गंभीर शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर ऋषव गुप्ता द्वारा एक जांच दल गठित कर किया जाकर शिकायत की जांच की गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार संस्था में गंभीर अनियमितता पाई गई। संस्था अभिलेख की जॉच से यह स्पष्ट है कि उपायुक्त सहकारिता देवास द्वारा चाही गई, सदस्यता सूची, सदस्यों की प्राथमिकता सूची, वार्षिक तुलना पत्र तथा अस्तित्व एवं दायित्वों की विष्टिया निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत नही की गई। मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 72- डी (आठ) में सदस्यों को भूखंडों का आवंटन सदस्यों की प्राथमिकता सूची के अनुसार न करना अपराध माना गया है। संचालक मंडल द्वारा प्राथमिकता सूची तैयार किए बिना ही सदस्यों को भूखंडों का आवंटन कर दिया है। संस्था के सदस्यों की सूची से छेड़छाड़ को अपराध की श्रेणी में माना गया है। संस्था के सदस्यों के नामों के साथ कटपीट की गई है, जिसका कोई समाधान कारक विवरण पंजीयक में अंकित नहीं किया गया है। उपायुक्त सहकारिता जिला देवास द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र क्रं./गृह निर्माण/2020/909/दि.16/6/2020 पूर्णत: वैधानिक एवं उचित होने पर से आवेदक का निगरानी आवेदन स्वीकार योग्य नहीं होने से खारिज किया गया। अत: कारण बताओ सूचना पत्र का तत्कालीन संचालकों मंडल द्वारा समाधान कारक उत्तर प्रस्तुत न किए जाने के कारण सूचना पत्र में तत्कालीन संचालकों के विरुद्ध अधिरोपित आरोप जॉच के प्रतिवेदन के आधार पर स्पष्ट होता है की 01 लायत 18 द्वारा मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 1960 की धारा 72 डी की उपधारा एक, चार, सात, एवं आठ तथा 74 की उपधारा (ए/क) अंतर्गत आपराधिक कृत्य किया है। उल्लेखित शासित से दंडित करने के लिए संस्था के सदस्यो के हित में यह आवश्यक है कि प्रथम श्रेणी न्यायालय के समक्ष अपराध प्रकरण प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान की जाए। उप रजिस्टर सहकारी संस्था परमानंद मोडरिया सहकारिता ने उपरोक्त विवेचना के आधार पर त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष त्रिभुवन प्रसाद पिता कालिंदी प्रसाद, पुत्र वधु रुचिता तिवारी, तत्कालीन उपाध्यक्ष विश्राम सिंह पिता दुर्गा सिंह तोमर, तत्कालीन उपाध्यक्ष श्रीमती अनिता पति जमना लाल वर्मा, तत्कालीन संचालक महेश पिता रामनारायण मिश्रा, जितेंद्र पिता बद्रीलाल शर्मा, श्रीमती सुधा पति प्रेमचंद्र मिश्रा, कमल नयन पिता परमानंद पौराणिक, सेटेंसलास पिता जयराम विक्टर, बालाराम पिता पन्नालाल यादव, मांगीलाल पिता भेरूलाल बोरीवाल, गिरीश पिता अनतराम शुक्ला, सत्यनारायण सोनी तत्कालीन उपाध्यक्ष, सुशील मिश्रा, इंद्रपाल सिंह भदौरिया, श्रीमती वंदना जोशी, कैलाश कटारिया, श्रीमती सिरोफी नारामथ मांडले सभी तत्कालीन संचालक को दंडित करने का प्रथम श्रेणी न्यायालय के समक्ष अपराध प्रस्तुत किए जाने हेतु वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक एव प्रशासक त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित देवास को अधिकृत किया जाता है।



