
देवास। दलित युवक की बारात पर पथराव कर बारातियों व दुल्हे के साथ मारपीट करने वालों पर कार्यवाही की मांग को लेकर अखिल भारतीय बलाई महासंघ, भीम आर्मी एवं अन्य बहुजन समाज के संगठनों ने महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार के नेतृत्व में संयुक्त रूप से एसपी कार्यालय में जमकर नारेबाजी करते हुए करीब 30 मिनिट तक धरना दिया एवं पुलिस अधीक्षक पुनित गेहलोत के नाम एडीशनल एसपी जयवीर सिंह भदोरिया को ज्ञापन सौंपा। कुछ देर बाद संगठन पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक श्री गेहलोत से करीब 30 मिनिट तक मुलाकात कर घटना की विस्तृत जानकारी दी। महासंघ जिलाध्यक्ष प्रदीप मालवीय ने बताया कि 2 मई 2025 को दरियाव सिंह मालवीय की पुत्री का विवाह ग्राम सांवेर के अभिषेक के साथ ग्राम दुधलाई में होना था। ग्राम सांवेर सोनकच्छ के बारातियों द्वारा जुलूस ग्राम दुधलाई के मुख्य मार्गो से निकाला जा रहा था। बारात के जुलूस के दौरान ग्राम दुधलाई निवासी जितेन्द्र पिता मेहरबान उर्फ कालू, लाखन पिता बापू पटेल, रोहित पिता लाखन, सचिन पिता केसर सिंह, राहुल परमानंद, पप्पू पटेल पिता बाबूलाल, गब्बर पटेल पिता बाबूलाल, धर्मेन्द्र पिता जगदीश, राजेश पिता जगन्नाथ, देवेन्द्र पिता पप्पू, सागर पिता जगदीश दिनेश पिता हजारीलाल, विकास पिता महेश, मुकेश पिता हिम्मत सिंह, गब्बर पिता सोबाल सिंह, अर्जुन पिता धीरज सिंह, सुजल पिता मुकेश एवं अनिल पिता तेजसिंह सभी जाति धाकड के कुछ जातिवादी मानसिकता के लोगों ने एकमत होकर षडयंत्र पूर्वक पंचायत भवन के सामने बीच मार्ग में जुलूस को रोककर बारातियों के साथ मारपीट करते हुए दुल्हे को घोडी से नीचे उतारकर अभद्र व्यवहार, गाली गलोच व मारपीट की। बीच बचाव करने गांव के सरपंच सालागराम मालवीय, समाज के लोग व महिलाएं पहुंची तो उनके साथ भी अभद्र व्यवहार करते हुए सरपंच व महिलाओं के साथ मारपीट की। घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई। बारात में उपस्थित कुछ 4 से 5 लोग दुल्हे को लेकर दुल्हन के घर पहुंचे और जल्दबाजी में फेरे कराए। घटना की जानकारी संबंधित थाना सोनकच्छ को दी। सूचना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस द्वारा पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्यवाही नही की गई। कार्यवाही नही होने से नाराज समाज के ग्रामीणजन सोनकच्छ थाने एफआईआर कराने पहुंचे। पुलिस द्वारा दो से तीन घंटे तक टालमटोली करते हुए एफआईआर नही दर्ज की गई। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने घटना के आरोपियों पर मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया, लेकिन कार्यवाही नही की। कार्यवाही नही होने पर बहुजन समाज के लोग शनिवार को एसपी कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। एसपी श्री गेहलोत ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर धाराए बढाते हुए कडी कार्यवाही जाएगी। भविष्य में आगे से इस प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इस हेतु चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।

जातीय भेदभाव और मंदिर में प्रवेश से रोक :- अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार ने इस घटना को जातिवादी मानसिकता का घिनौना उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अभिषेक को सिर्फ दलित और अनुसूचित जाति का होने के कारण मंदिर में प्रवेश से रोका गया और अपमानित किया गया। हमला करने वालों ने यहां तक कहा, अपने हिसाब से मंदिर बना लेना यह कथन दर्शाता है कि गांवों में आज भी दलितों को बराबरी का हक नहीं दिया जा रहा।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप:- पीड़ित पक्ष द्वारा घटना की सूचना तत्काल सोनकच्छ थाने को दी गई, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने दो से तीन घंटे तक एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की। अंततः मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया गया, जिससे समाज में गहरा आक्रोश फैल गया। इस निष्क्रियता के विरोध में समाजजनों ने एसपी कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा और आरोपियों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की।
डर के साये में संपन्न हुआ विवाह :- घटना के बाद भय और तनाव का माहौल बन गया। बारात में मौजूद कुछ लोगों ने दूल्हे को सुरक्षित दुल्हन के घर पहुंचाया, जहां जल्दबाजी में विवाह की रस्में पूरी की गईं। समाजजनों ने इसे सामाजिक असमानता और प्रशासनिक निष्क्रियता का गंभीर उदाहरण बताया।
एसपी ने दिए जांच के आदेश, एसडीओपी का बयान:- प्रदर्शन के बाद पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी है और मौके पर बल भेजा गया है। सोनकच्छ एसडीओपी दीपा माड़वे ने बताया कि बारात के दौरान मारपीट की घटना हुई है। पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है, कथन लिए जा रहे हैं और मौके पर पहुंचकर चौपाल लगाकर ग्रामीणों को समझाइश दी जाएगी।

