
खातेगांव । जिले में अवैध बालू रेत उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए माइनिंग विभाग ने अनोखी तरकीब अपनाते हुए माफियाओं को चौंका दिया। खातेगांव क्षेत्र में पिछले कई दिनों से लगातार अवैध रेत खनन की शिकायतें विभाग को मिल रही थीं, लेकिन हर बार कार्रवाई से पहले ही माफिया सतर्क हो जाते और मौके से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों समेत फरार हो जाते थे।सूत्रों के अनुसार, रेत माफिया ने सूचनाओं के आदान-प्रदान का इतना मजबूत नेटवर्क बना रखा था कि जैसे ही देवास से माइनिंग विभाग का वाहन निकलता, वैसे ही यह खबर पूरे नेटवर्क में फैल जाती और माफिया समय रहते अपनी गाड़ियाँ गायब कर देते थे। कई बार तो माइनिंग अमले को खाली हाथ लौटना पड़ता था।इस चुनौती से निपटने के लिए विभाग ने इस बार एक विशेष योजना बनाई। एक चार पहिया वाहन को बारातियों की गाड़ी की तरह सजाया गया और विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी पारंपरिक फैंसी वस्त्र पहनकर बारातियों के वेश में सतवास के समीप फतेहगढ़ रेत घाट पहुंचे।मौके पर पहुंचते ही विभाग ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए अवैध खनन में लगे 10 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़ लिया। यह दृश्य उस समय देखने लायक था जब रेत घाट पर खनन कर रहे माफिया ‘बारातियों’ को देखकर निश्चिंत रहे, लेकिन जैसे ही विभाग के अधिकारी एक्शन मोड में आए, हड़कंप मच गया। ट्रैक्टर चालकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वहीं रोका गया और वाहन जब्त किए गए।

खनिज अधिकारी ने दी जानकारी:
माइनिंग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी जब्त ट्रैक्टरों पर माइनिंग एंड मिनरल्स (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। यह कार्यवाही भविष्य में भी जारी रहेगी और अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस कार्यवाही के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भी विभाग की साख मजबूत हुई है। लंबे समय से घाट क्षेत्र में अवैध रेत खनन से परेशान नागरिकों ने विभाग की इस रणनीति की सराहना की है। माइनिंग विभाग की यह कार्यवाही न केवल विभागीय सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अवैध कार्यों में संलिप्त माफिया अब आसानी से नहीं बच सकेंगे। विभाग द्वारा रचनात्मक कार्यप्रणाली अपनाकर जनता के हितों की रक्षा की दिशा में यह एक साहसिक कदम है।

