आपका शहरइंदौरउज्जैनदेवासदेश-विदेशधर्म-आध्यत्मभोपालमध्यप्रदेश

देवास में अमरनाथ यात्रा का पंजीयन बना सिरदर्द, बैंक के बाहर लगी लंबी कतारें — श्रद्धालु परेशान, मैनेजर पर सवालों की बौछार, बाहर वालों को दे रहे प्राथमिकता….!!

देवास — भोलेनाथ के दरबार की राह में श्रद्धालु उमंग और भक्ति भाव लेकर जुटे हैं, लेकिन अमरनाथ यात्रा का पंजीयन अब श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। 3 जुलाई से शुरू होने वाली पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए पंजाब नेशनल बैंक में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन हालात यह हैं कि बैंक के बाहर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते-करते हलाकान हो रहे हैं। जहां एक ओर बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भक्तों का जोश ठंडा पड़ता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर बैंक के सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बैंक द्वारा प्रतिदिन सीमित संख्या में टोकन देकर ही पंजीयन किया जा रहा है, जिससे लाइन में लगे सैकड़ों यात्रियों को हर रोज मायूस लौटना पड़ रहा है।

मैनेजर पर गंभीर आरोप, बाहर वालों को दे रहे प्राथमिकता….!

भक्तों का आरोप है कि बैंक मैनेजर द्वारा देवास जिले के यात्रियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। उनका कहना है कि मैनेजर बाहर के जिलों से आए यात्रियों का रजिस्ट्रेशन तेजी से कर रहे हैं, जबकि देवास के स्थानीय श्रद्धालु घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद पीछे ही रह जाते हैं। जब इस पूरे मसले पर बैंक मैनेजर से बातचीत की तो उनका जवाब बड़ा चौंकाने वाला था। मैनेजर का साफ कहना है कि उन्हें इस बात के कोई निर्देश नहीं मिले हैं कि बाहर के यात्रियों के रजिस्ट्रेशन रोक दिए जाएं। यानी भक्त लाइन में लगे रहें, चाहे स्थानीय हों या बाहरी — बैंक के नियम अपनी जगह और भोलेनाथ की भक्ति अपनी जगह!

प्रशासन को भी दी गई जानकारी, एसडीएम ने कहा — “मामले की जांच करूंगा”

श्रद्धालुओं की बढ़ती परेशानी और आरोपों की गूंज अब प्रशासन तक भी पहुंच गई है। जब इस मुद्दे पर एसडीएम से सवाल किया गया तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही और भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही बैंक में पंजीयन प्रक्रिया की जांच करेंगे।

भोले के भक्तों की आस्था बनाम बैंक का सिस्टम — कौन जीतेगा?

हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन इस बार देवास में पंजीयन प्रक्रिया ने आस्था की राह में अड़चन डाल दी है। सवाल यह है कि क्या बैंक और प्रशासन मिलकर इस व्यवस्था में सुधार करेंगे या फिर भोलेनाथ के भक्तों को इसी तरह धक्के खाते रहना पड़ेगा….?

Related Articles

Back to top button

कृपया खुद मेहनत करे...