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शहर के कुछ सीबीएसई विद्यालयों में प्रतियोगिता के नाम पर धांधली/पक्षपात का आरोप

देवास। शहर के कुछ चयनित सीबीएसई विद्यालयों का एक समूह सहोदया के नाम से संचालित हों रहा हैं जों कि विद्यार्थियों के विकास हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के मानसिक व शारीरिक विकास कों बढ़ावा देना है, लेकिन जब यही उद्देश्य अपने स्वार्थ के लिए प्रतिकूल हों जाए तो विद्यार्थियों की मानसिकता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह गंभीर चिंतनीय विषय है। हालहीं में देवास जिला सहोदया समूह द्वारा आयोजित नृत्य प्रतियोगिता में नियमों के विरुद्ध निर्णय किया गया, जिससे प्रतिभागियों के मन पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। शहर के कुछ नृत्य प्रशिक्षकों ने बताया कि जिन प्रतिभागीयों ने नियमानुसार प्रस्तुति दी जैसे अविश्वसनीय भारत की थीम पर प्रभु श्री राम का आदर्श कृष्ण के ज्ञान व छत्रपति शिवाजी के शौर्य का बखान करना बता गया, लेकिन उनके अंक काट दिए गए और जो नियमों को तोड़ गए जैसे रंगों कों उडाने पर निशिद्धता, थीम के अनुसार ही प्रस्तुति देना, वो विजेता साबित हुए। इसका कारण निर्णायको कों नियमों से अवगत ना करवाना, उनकी मार्कलिस्ट में नियमानुसार तथ्यों का ना होना हैं।

जिसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजक विद्यालय की है जों की एक क्रिश्चन धर्म कों समर्पित विद्यालय है। ऐसे में विद्यार्थियों कों भविष्य में छल से जीतने की प्रेरणा मिलती है जों भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है। सम्बंधित विषय में डांस स्पोट्र्स कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा एक पत्र सहोदया समूह के सभी विद्यालयों कों जारी किया गया और ये निवेदन किया गया की भविष्य में ऐसी किसी भी तरह की प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनाए रखें। जिससे विद्यार्थियों कों शुद्ध प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर और किसी तरह का पक्षपात ना हों।

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