देवास में भाजपा काग्रेंस एक साथ- साथ किसे मिलेगा जनता का आशीवार्द……… ?, चर्चा का विषय बने चुनावों का प्रचार प्रसार
अमित बागलीकर
देवास। चुनावी दौर में पार्टीयों के कैसे झंडे और पोस्टर लग रहे हैं, ये देखना भी किसी हास्यास्पद दृश्य से कम नहीं है। जहां देखें वहां पर कई स्थानों पर दो अलग-अलग पार्टी के पोस्टर देखने को आसानी से मिल जाते हैं जहां कई प्रकार की चर्चा आम तौर पर सूनी व देखी जाती है। कुछ इसी प्रकार के पोस्टर बेनर देवास में दोनों ही दलों के देखने को मिल सकते है। किंतु यहां देखने वाली बात यह है की जहां पर उक्त पोस्टर बेनर लगाये गये हैं वे व्यावसायिक प्रतिष्ठान है। जहां दोनों ही पार्टीयों के समर्थक व्यापारी वर्ग दिखाई पड़ते हैं। परंतु यहां पर एक ही छत पर दो पेास्टर लगे होना ये दर्शाता है की उक्त व्यापारी भी सिर्फ एक पार्टी से संतुष्ट नहीं है इसलिये उसने दोनों ही पार्टीयों के पोस्टर एक ही स्थान पर लगा दिये हैं, ताकि कहीं ना कहीं उसे दोनों ही पार्टीयों के नेताओं से कुछ…………..मिल सके।
चुनावी दौर में राजनीतिक गर्माहट कुछ इस कदर हो रही है कि व्यापारी वर्ग के साथ ही मतदाता भी नेताओं के लिए तनाव पैदा कर रहे हैं। वर्तमान चुनाव में जनसंपर्क अपने अंतिम पड़ाव पर है क्योकि आने वाले कुछ दिनों बाद दिपावली पर्व की धूम में भी चुनावी प्रचार प्रसार ठंड में ठंडा पढ़ सकता है। और मतदान के लिये भी सोच व विचार करने के लिये महज दो सप्ताह शेष बचे है। ऐसी परिस्थिति में किसे मतदाता अपना वोट देकर राजगद्दी पर बैठाती है ये मतदाता ने मन में ठान लिया है। किंतु उससे पहले असमंजस की स्थिति जब पैदा हुई जब स्थानीय एमजी रोड़ स्थित छत के ऊपर कमल व बीच में हाथ का पंजे के पोस्टर शहर में चर्चा का विषय बने हुए है। लोगों के मुंह से यह भी सुना का है कि छत तो एक ही पर पर नेताओं के पोस्टर अलग-अलग है। इसका मतलब तो यह निकलता है की एक ही नाव पर सवार दो लोग हैं जिसमें किसे धक्का लगेगा और कौन नाव से गहरे पानी में गिरेगा। वैसे कहा जाये तो यह तो 17 तारीख को होने वाले मतदान के बाद ही पता चलेगा की छत पर लगे पोस्टर को किसने जिताया और किसने नकारा।