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धर्म की सुनो मत उसे जीवन में धारण करो

देवास। श्रीराम मंदिर इटावा पर आयोजित शिव महापुराण कथा की पूर्णाहुति के दिन आचार्य पं. आशीष अग्निहोत्री ने कहा कि जिस परमात्मा ने सृष्टि का निर्माण किया। हमें जन्म दिया न जाने किन पुण्य प्रताप के कारण हमें मानव तन मिला। हम शरीर का मूल्य समझे। उस परमात्मा का स्मरण करे। तभी हमारा मानव जीवन सार्थक होगा। धर्म को सुनो मत, उसे धारण करो, क्योंकि धर्म को सुनने मात्र से जीवन का कल्याण नही होता है। जीव भगवान की करूण को नही देख पाते है और मिथ्या संसार में उलझे रहते है। अगर मनुष्य जीवन को सार्थक करना चाहते है तो ईश्वर की शरण में स्वयं को अर्पित कर दो ईश्वर प्रेम से प्रकट होता है और प्रेम ही उसकी साधना है। आज के इस कलिकाल में हनुमान जी की उपासना परम आवश्यक है। भगवान भुत भावन विश्वनाथ शंकर के हनुमान जी अवतार होने के कारण ये शंकर सुवन है। उनके चरित्र से हमें ब्रह्मचर्य वृत पालन, चरित्र रक्षण, बल बुद्धि का विकास अपने इष्ट भगवान श्रीराम के प्रति अभिमान रहित दास्य भाव आदि गुणो की शिक्षा प्राप्त होती है। शिव महापुराण कथा में पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश पुजारी उज्जैन, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, श्रीराम मंदिर समिति संवरक्षक रमेश कुमार अग्रवाल, मराठा समाज अध्यक्ष प्रमोद जाधव, श्याम मामा पाटील, समाजसेवी धन्नालाल महाजन, समाजसेवी हुकुम सिंह पवार ने शामिल होकर शिव महापुराण ग्रंथ का पूजन कर आरती की। कथा के अंतिम दिन मुकुल बांगर ने सपरिवार ग्रंथ का पूजन कर आचार्य  जी का शाल-श्रीफल, स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। बडी संख्या में उपस्थित शिवभक्तों का भेरू सिंह ठाकुर, संतोष सिंह चावड़ा, सुमेर सिंह तोमर, कैलाश मामा गहलोत, राधेश्याम कारपेंटर ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। 7 दिवसीय आयोजित शिवपुराण कथा को सफल बनाने में सहयोग करने वाले भक्तों के प्रति संस्था अध्यक्ष दिलीप बांगर ने आभार माना।

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