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धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए- जगतगुरु रामदयालजी, भक्तों ने जगतगुरु के चंदन से पांव धोकर आशीर्वचन लिए

देवास। गुरु कृपा से मानव जीवन भवसागर से पार हो जाता है। गुरु की सेवा सच्चे मन से करना चाहिए। यह विचार रामद्वारा में अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय आचार्य जगतगुरु स्वामी राम दयालजी ने प्रकट किए। गुरुवार को रामद्वारा में रामस्नेही सत्संग मंडल द्वारा जगद्गुरु का आत्मीय अभिनंदन किया गया। जगद्गुरु ने कहा, कि भारतीय संस्कृति विश्व में सर्वोत्तम है और हम सभी भारतीयों को इस पर गर्व होना चाहिए कि हम इसके अनुयायी हैं। संस्कृति एवं धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा, कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी श्रद्धा अनुसार गोसेवा अवश्य करना चाहिए। रामद्वारा में प्रतिदिन की जा रही गो सेवा की सराहना करते हुए कहा, कि गोमाता की सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाती। प्रत्येक नागरिक को कम से कम एक गाय अवश्य पालना चाहिए। गोमाता साक्षात लक्ष्मी स्वरूप हैं। जगद्गुरु का रामद्वारा के महंत स्वामी रामनारायणजी, संत राम सुमरिणजी, बाल संत पुनीत रामजी एवं रामस्नेही सत्संग मंडल के सभी सदस्यों ने अभिनंदन किया। जगद्गुरु के चंदन से चरण धोए गए एवं आरती उतारी गई। इस अवसर पर शाहपुरा धाम के लिए डॉ. सीमा सोनी द्वारा संत सेवा हेतु 32 हजार रुपए भेंट किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे। सभी भक्तों को राम मंत्र लिखने की पुस्तिका एवं प्रसाद वितरण किया गया। यह जानकारी महेश सोनी ने दी।

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