नर्मदा तट बागदी संगम पर भैरव अष्टमी के रंग भक्ति और साधना का संगम, भैरव अष्टमी पर मां नर्मदा तट स्थित भैरव तंत्र पीठ संगम आश्रम में हुआ पूजन और भंडारा

देवास। जिले के अंतिम छोर स्थित मां नर्मदा के पवित्र तट बागदी संगम पर बुधवार को भैरव अष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। श्री भैरव तंत्र पीठ संगम आश्रम के प्राचीन भैरव मंदिर में गुरुजी महंत प्रकाशानंद जी महाराज के सानिध्य में विधि-विधान से पूजा-पाठ, हवन और भंडारा संपन्न हुआ। सुबह से ही आश्रम पर मां नर्मदा तट पर भक्तों का आना शुरू हो गया था। आश्रम परिसर में जय भैरव बाबा और हर हर नर्मदे के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। गुरुजी ने मां नर्मदा के जल से भैरव बाबा का अभिषेक कर देश और प्रदेश की सुख-शांति की प्रार्थना की। आश्रम के गुरुजी ने बताया कि भैरव अष्टमी का पर्व साधना, भक्ति और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भैरव जी की उपासना जीवन में शक्ति, संतुलन और आत्मबल प्रदान करती है। बाग?ी संगम स्थित यह भैरव तंत्र पीठ देवास जिले का एकमात्र ऐसा स्थान माना जाता है जहां भैरव महाराज मां नर्मदा के किनारे अपने पूर्ण रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि भैरव बाबा ने इसी स्थान पर मां नर्मदा की आराधना करते हुए कठोर तप किया था। भैरव अष्टमी के अवसर पर सैकडों श्रद्धालु परिवार सहित पहुंचे और बाबा भैरव से आशीर्वाद लिया। पूजा के बाद सामूहिक हवन और आरती की गई। दोपहर में भव्य भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही भक्तों ने नर्मदा मैया और भैरव बाबा से अपने परिवार की खुशहाली और क्षेत्र की समृद्धि की कामना की। गुरुजी ने बताया कि आने वाले समय में आश्रम परिसर में साधना कक्ष और ध्यान केंद्र विकसित करने की योजना है, जिससे श्रद्धालुओं को और सुविधा मिलेगी। भैरव अष्टमी के इस पावन अवसर पर मां नर्मदा के किनारे स्थित भैरव तंत्र पीठ संगम आश्रम में दिनभर भक्ति, आस्था और आध्यात्मिक उल्लास का माहौल बना रहा। उक्त जानकारी भरत खाटवा ने दी।






