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परचिन्तन प्रदर्शन से मुक्त होकर क्यों क्या, कि, क्यू (लाइन) को समाप्त करे- ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ‘राजयोग अनुभूति केंद्र’ मोती बंगला, देवास द्वारा मोती बंगलासेवा केंद्र पर” तनाव से मुक्ति” हेतु 5 दिवसीय निशुल्क शिविर का आयोजन 13 अप्रैल से 17 अप्रैल तक किया जा रहा है। 14 अप्रैल, सोमवार को बिलासपुर से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी सम्बन्धो मे मधुरता विषय पर बताते हुए कहा की परमात्मा मेरा पिता है, बस राजयोग द्वारा उससे बच्चे के रूप मे सम्बन्ध जोड़ना है। तब हमारे संस्कारों में परिवर्तन प्रारंभ होता है। परचिन्तन प्रदर्शन से मुक्त होकर क्यों क्या, कि, क्यू (लाइन) को समाप्त करे। जिस रंग का चश्मा उसी रंग की दुनिया दिखती है, तो हमने लोगों के अवगुणों को देखने का चश्मा लगाया है जिससे हमें तनाव होता है। हमें गुण विशेषता देखने का चश्मा धारण करना है, गुण विशेषताओं को देखने से तनाव मुक्त रहेंगे। सभी मैं कुछ न कुछ विशेषताए अवश्य है। हमें स्वयं को बदलना है,दूसरों को नहीं।  तब हमें देख दूसरों को बदलने की प्रेरणा मिलेगी। स्मृति से ही हमें शक्ति मिलती है,परमात्मा के बच्चे हैं,यह स्मृति सदा रहे| इसी स्मृति केसाथ निर्संकल्प होकर सोये। अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य एवं तनाव मुक्त जीवन के लाभदायक है। आपने श्री मत भागवत गीता के रहस्य पर भी प्रकाश डाला श्रीमद्भगवत गीता सर्व शास्त्रों में शिरोमणि है। यह केवल हिन्दू धर्म का शास्त्र नहीं अपितु समस्त मानव जाति का शास्त्र है इसलिए इसका अनुसरण हर धर्म के लोगों को करना चाहिए। इससे तो मन के नकारात्मक व सकारात्मक विचारों के युद्ध और उसमें सही निर्णय अर्थात् धर्म के पक्ष में निर्णय लेने की शिक्षा मिलती है। आज हर एक व्यक्ति के जीवन में विषाद अर्थात् तनाव, अवसाद का समय आता है और तब यह ज्ञान हमें हमारे संघर्षां का समाधान देता है। सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्मा कुमारी भगवती ने नगर के प्रबुद्ध लोगों से निशुल्क शिविर में ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने का आह्वान किया है।

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