प्रभु से मांगना हो तो भक्ति ही मांगना चाहिए

देवास। संत सिरोमणी रावतपुरा सरकार के सानिध्य में चल रहे चातुर्मास व्रत अनुष्ठान कार्यक्रम के अन्तर्गत पंडित मोहित नागर जी ने भागवत कथा के प्रथम दिन कथा का वाचन करते हुए कहा कि, जो हो रहा है, वह प्रभु की कृपा से हो रहा है। सुख हो या दुख हो प्रभु की कृपा से ही होता है। गुरू के सानिध्य मे रहकर जाप करो यह मत कहो हम थक गये, परन्तु दुख कम नही हुआ। भगवान को याद किया करो, भगवान का जप अर्न्तआत्मा से किया जाता है। अगर भगवान को याद करते करते आंखो मे आंसु आ गये तो समझ लेख भक्ति के बहुत निकट आ गये है, भक्ति सार्थक हो गई। प्रभु से कभी मांगना है तो कभी गाड़ी- बंगला नही मांगना, बस यह मांगना की प्रभु हम ऐसे ही भक्ति करते रहे, हमारे परिवार के सभी सदस्य आपकी भक्ति मे रहे। पंडित मोहित नागर जी ने कहा भगवान सच्चिदानंद स्वरूप है, भगवान को पाना है तो एक नियम धारण कर लो कि हमेशा सत्य बोलेगे। हमारे हर काम को परमात्मा देख रहा है इसलिए हमें सद्कर्म ही करना चाहिये। पंडित नागर जी ने भक्ति, ज्ञान एवं वेराग्य के साथ धूंधकारी और गोकर्ण की कथा सुनाई।
