
देवास। बरझाई घाट को हरा भरा और पर्यावरण में अतुलनीय योगदान देने के लिए बरझाई ग्राम पंचायत के सालखेतिया, बरझाई और बीड़गांव के ग्रामीणों ने अपने पूर्वजों की याद में पौधा रोपण किया। पौधों को पूर्वज मानकर उनकी की गई पूजा और मन्नत के बाद लगाए पौधो को वृक्ष बनाने का लिया संकल्प। जंगल को पुनर्जीवित करने के अलवा इसके पीछे एक और मकसद यह भी है कि वन्य प्राणियों के भोजन की व्यवस्था के लिए जंगल में फलदार पौधे का बीजारोपण भी किया जाय। बीते कई सालों से बरझाई घाट में बंदरों को इंसान द्वारा खाना देने का चलन होगया है, जिसकी वजह से बंदर अपने खाने के लिए इंसानो पर निर्भर हो गए और सड़कों और गावों में आतंक मचाकर जान-माल का नुकघ्सान करते हैं। सालखेतिया गांव के ग्रामीणों ने पौधा रोपण करने से पहले अपने पूर्वजों को याद करके पौधों को ढोलक, मंजीरा की धुन पर भजन कीर्तन करते हुए पौधा रोपण वाली जगह में लेकर पहुंचे स सालखेतिया की वन विभाग नर्सरी में रेंजर गजानंद बिरला के मार्गदर्शन में 100 लोगों ने अपने 51 पूर्वजों की याद में सीताफल, आंवला, गुल्लर, नीम, पीपल, बरगद, रामफल, आदि प्रजाति के 101 पौधे लगाएं स इसी के साथ उसी नर्सरी में महुआ, सीताफल, बेहड़ा, चारोली, बेर, इमली, जामुन और टेमरू के लगभग 30,000 बीज भी डाले। फूटा नाका पर नीम, बरगद और पीपल त्रिवेणी लगाकर इस कार्यक्रम की शुरुवात की। सभी ग्रामीण जनों को संकल्प दिलाया कि सभी ग्राम वासी इन पौधों की परिवार के सदस्य की तरह देखभाल करेंगे और पूर्वजों की तरह इनका सम्मान कर इन्हें जंगल की आग और मवेशी चराई से भी बचायेंगे। बरझाई गाँव में करीब 70 पौधे लगाएं गए और लगभग महुआ, सीताफल, बेहड़ा, चारोली, बेर, इमली, नीम,आंवला और आम के लगभग 35000 बीज डाले गए । क्षेत्रीय विधायक मुरली भंवरा ने विशेष आतिथ्य के रुप में उपस्थित होकर ग्रामीणों का उत्साह बढ़ाया। सरपंच रेखा कर्मा ने वृक्षारोपण कार्य में विशेष रुचि ली। समाज प्रगति सहयोग की संस्थापक सदस्य पिंकी ब्रह्मा चौधरी ने वृक्षारोपण की रुपरेखा तैयार की थी। ग्रामीण समुदाय के सहयोग के लिए बागली प्रगति समिति के कार्यकर्ताओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

