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बालिका शिक्षा, सुरक्षा व व्यक्तित्व विकास पर कार्यशाला का आयोजन- मालवांचल की ध्वनि की संस्थापक ने छात्राओं की जिज्ञासाओं को किया शांत

देवास। वर्तमान समय में बालिका शिक्षा व सुरक्षा को लेकर हर कोई प्रयासरत है। इसी कड़ी में संस्था मालवांचल की ध्वनि ने भी देवास के महारानी चिमनाबाई कन्या विद्यालय में व्यक्तित्व विकास से राष्ट्र निर्माण को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें मालवांचल की ध्वनि की संस्थापक डॉ. ध्वनि शर्मा ने छात्राओं से सीधे संवाद किया तथा कई विषयों पर खुलकर चर्चा की। कार्यशाला में डॉ. शर्मा ने मां के गर्भ में पलती आशा, आंगन में खेलती तुलसी, कालेज जाती आकांक्षा, सप्तपदी लेती अभिलाषा और सांझ के संतोष में संतोष जैसे विषय पर प्रकाश डाला। डॉ. शर्मा ने विषयों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्तमान में मां के गर्भ में ही बालिकाओं की सुरक्षा गंभीर समस्या बनी है, इससे निपटने के लिए समाज का जागरुक होना आवश्यक है। वहीं आंगन में खेलती छोटी बालिकाएं आए दिन दरिदों की शिकार हो रही है, इन्हें कैसे बचाए, इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है। जबकि कालेज जाती बालिकाओं की सुरक्षा व शिक्षा भी एक महत्वपूर्ण विषय है, इसके लिए शासन-प्रशासन को तत्पर है, किंतु समाज को भी इस बारे में कदम उठाने होंगे। इसके अलावा कार्यक्रम में डॉ. ध्वनि शर्मा ने महिला के विवाह तथा वृद्धावस्था में उनकी आर्थिक संपन्नता को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में छात्राओं ने भी विषयों से संबंधित प्रश्न किये, जिनके डॉ. शर्मा ने उत्तर दिये। उक्त कार्यशाला में प्राचार्य रूचि व्यास, सामाजिक कार्यकर्ता रीता शर्मा, मालवांचल ध्वनि के जिला समन्वयक भरत व्यास, विमल शर्मा, कपिल व्यास, अनुकूल ठाकुर, राहुल जैन सहित विद्यालय की शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित थी। संचालन कपिल व्यास ने किया एवं आभार प्राचार्य रूचि व्यास ने माना।

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