महाराष्ट्र समाज के नवनिर्मित सभागृह का भव्य लोकार्पण, वरिष्ठों का सम्मान और ‘महाराष्ट्र लोकधारा’ की जोरदार प्रस्तुति

देवास। महाराष्ट्र समाज परिसर में तैयार हुए नवनिर्मित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित सभागृह का लोकार्पण रविवार को विधायक गायत्री राजे पवार के करकमलों से हुआ। पारंपरिक मराठी आभा से सजा परिसर, रंग-बिरंगी सज्जा और सांस्कृतिक वातावरण ने पूरे आयोजन को अद्वितीय बना दिया। लोकार्पण से पहले विधायक पवार ने परिसर स्थित गणपति मंदिर में अष्टविनायक की विधिवत पूजा-अर्चना की और इसके बाद आधुनिक सभागृह का अवलोकन कर समाज द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। समाज अध्यक्ष दीपक कर्पे ने जानकारी दी कि इस नए सभागृह से समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को एक नई गति मिलेगी।
वरिष्ठजनों का सम्मान,शताब्दी वर्ष में विशेष पहल
बृहन्महाराष्ट्र मंडल, नई दिल्ली के शताब्दी वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र समाज द्वारा 75 से अधिक वरिष्ठजनों को सम्मानित किया गया। विधायक पवार ने शॉल-श्रीफल और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव और योगदान को नमन किया। सम्मान समारोह की झलकियों ने कार्यक्रम में एक भावनात्मक और प्रेरक रंग भर दिया।
महाराष्ट्र लोकधारा की धमाकेदार प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शानदार लोकनृत्य और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम ‘महाराष्ट्रची लोकधारा’। कलाकारों ने नृत्य और संगीत की ऐसी लड़ी पेश की कि सभागार तालियों से बार-बार गूंज उठा।
प्रमुख प्रस्तुतियाँ
गणेश वंदना, पारंपरिक लावणी, कोळी नृत्य, आदिवासी नृत्य, रेणुका माता व लक्ष्मीआई माता का गोंधळ, छत्रपति शिवाजी महाराज का पौवाडा, भैरवी प्रस्तुति जैसे हर प्रस्तुति पर दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। सांस्कृतिक विविधता और ऊर्जा से भरपूर मंचन ने महाराष्ट्र की परंपराओं को देवास की धरती पर जीवंत कर दिया।
समाजजनों ने की जमकर सराहना
पूरे आयोजन के दौरान समाजजन, अतिथि और विभिन्न संगठनों के गणमान्य उपस्थित रहे। सभी ने महाराष्ट्र समाज मंडल की टीम की व्यवस्थाओं, नवीन सभागृह की सुंदरता और आकर्षक प्रस्तुतियों की खुलकर प्रशंसा की।
नए दौर की शुरुआत
नवनिर्मित सभागृह के लोकार्पण के साथ ही महाराष्ट्र समाज ने सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक आयोजनों के एक नए युग की शुरुआत कर दी है। समाज परिसर अब बड़े आयोजनों, पारंपरिक कार्यक्रमों और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है।










