
देवास। नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 के आगमन पर संस्कार भारती देवास ने अपनी परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखते नगर की हृदय स्थली सयाजी द्वार पर गरिमामय आयोजन किया। विभावरी बेला में गणमान्य नागरिकों ने दीप प्रज्वलन, गुड़ी पूजन किया गया। विश्व गीता प्रतिष्ठानम की और से पंडित बंशीधर केशवरे ने स्वस्तिवाचन, शंखनाद से वातावरण दिव्य कर दिया। संस्कृत भारती विभाग संयोजक कृष्णकांत शर्मा ने भारतीय कालगणना के महत्व पर अपने सारगर्भित उद्बोधन में 24 पर्व, छः नाभि, 12 अंश और 360 दिन वाला संवत्सर रूप कालचक्र का गणितीय सार में छिपे हमारे महान भारतीय ज्ञान परम्परा के मूल आधार को अपनी ओजस्वी वाणी में बताया। डॉ मनीषा सोनी ने गीताजी के 15वे अध्याय का मूल पाठ व अनुगायन करवाया। संस्कार भारती के वरिष्ठ मार्गदर्शक शशिकांत वझे व गणमान्य नागरिकों ने गीताजी की आरती की, सुर्यनारायण देवता को सभी ने सामूहिक अर्घ्य दिया, उपस्थित सभी की स्वस्ति तिलक, संवत्सर का औषधीय प्रसाद गुड़ धनिया नीम कोंपल प्रसाद वितरण किया गया, प्रातः सत्र का संचालन नरेन्द्र कुमार शर्मा, आभार रोहित सिंह गुर्जर ने व्यक्त किया। दोपहर का सत्र सांस्कृतिक कला को समर्पित किया गया। शुभारम्भ दीप प्रज्वलन, देव पूजन अतिथियों सहित इतिहासकार डॉ रमेश चंद्र सोनी, संस्कार भारती देवास संयोजक नृत्यगुरू प्रफुल्ल सिंह गहलोत, डॉ नमिता राजे शिर्के शास्त्रीय गायिका, वरिष्ठ श्रीमती मनोरमा सोलंकी, श्रीमती अरुणा सोनी, धनंजय गायकवाड़, रोहित सोनी, उमेश जोशी, संगीतज्ञ मनोज भावसार, रोहित सिंह गुर्जर-एडवोकेट, कृष्णकांत शर्मा, पीयूष मुंगी मूर्तिकार, सुमित जोशी, कमलेश सिंह चंदेल, नरेंद्र दुबे ने किया। संस्कार भारती ध्येय गीत राजकुमार वर्मा ने लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, मुख्य अतिथि संस्कार भारती मालवा प्रान्त अधिकारी संजय शर्मा, योगेन्द्र पिपलोनिया, संतोष व्यास, विशेष अतिथि पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, इतिहासकार दिलीप सिंह जाधव, डॉ अजय कुमार चौहान प्राचार्य शासकीय विधि महाविद्यालय देवास, मनीष पारिख अध्यक्ष जनभागीदारी समिति पी एम उत्कृष्ट महाविद्यालय, भरत चौधरी विधायक प्रतिनिधि, डॉ नमिता राजे शिर्के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका द्वारा सभी कलाकारों को सम्मानित किया तथा दुर्गेश अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नवसंवत्सर की शुभकामना देते हुए कहा कि रस, राग और सुगंध से भरी प्रकृति का उत्सव नव संवत्सर है, संस्कार भारती देवास के सांस्कृतिक मूल्यों की समर्पित करने वाला भागीरथी प्रयास बताया। पूर्व महापौर सुभाष शर्मा ने अपने उद्बोधन में नवसंवत्सर पर सभी को शुभकामनाएं दी। सभी कलाकारों का सारस्वत सम्मान उत्तरा, अभिनंदन पत्र, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र से अतिथियों द्वारा किया गया। घुंघरू नृत्य महाविद्यालय द्वारा मुस्कान गोस्वामी व अर्चिता आहूजा के संयोजन में गणेश वंदना, देवी स्तुति, महाभारत प्रसंग तथा शिव स्तुति पर कथक नृत्यांगना बालिकाओं ने अपनी उत्कृष्टम नृत्यकला से सभी का मन मोह लिया। सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका डॉ नमिता राजे शिर्के के होनहार शिष्य नवोदित शास्त्रीय गायक अनन्त चिंतन धवले और सुश्री अदिति भटनागर ने अपनी स्वर साधना का श्रेष्ठतम शास्त्रीय गायन कर पूरे सभागृह को दिव्य अनुभूति से भर दिया। आपके साथ संगत राजपाल प्रकाश राव, अंशुल राठौर ने की। देवास में कबीर लोकवाणी गायन परम्परा के अग्रणी तथा आकाशवाणी दूरदर्शन लोकगायक करण पोरवाल एवं सह गायक रामचरण परमार संगतकार डॉ तारासिंह डोडवे, देवीदास, सज्जन सिंह परमार के साथ कबीर भजनों के समरसता संदेशों की प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करते हुए अपने मधुर स्वरों से यथार्थता का संदेश दिया। भारतीय काल गणना पर काव्यपाठ कृष्णकांत शर्मा ने अपनी सुमधुर वाणी में किया। विशेष सहयोग के लिए प्रतिभावान फोटोग्राफर महेंद्र शर्मा को उत्तरा और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। आंचल वर्मा और पूनम वर्मा ने पूरे परिसर पर आकर्षक भूलंकरण किया और प्रियम आशापूरे ने आगंतुकों को स्वस्ति तिलक लगाया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती डॉ लीना दुबे ने तथा आभार रोहित सिंह गुर्जर एडवोकेट ने व्यक्त किया।

