विदेश में करोड़ों रूपए की नौकरी त्याग, कम उम्र में संत बनने की दृढ़ इच्छा 28 वर्षीय पर्यान्षु कारठे दीक्षा ग्रहण करेंगे 26 दिसम्बर को
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देवास। कहते है जीवन से मोह मुक्ति का कोई अंत नहीं होता, वैराग्य ही इसका एक मार्ग है, ऐसे में कम उम्र में संत बनने की दृढ़ इच्छा से जैन मुनि बनने की दीक्षा ले रहे 28 वर्षीय पर्यान्षु कांठेड़े अपना 1.5 करोड़ के पैकेज की नौकरी त्यागकर अब बनेंगे जैन संत । पर्यान्षु पहले अमेरिका में 3 साल तक कर चुके है डेटा साइंटिस्ट की नौकरी। पर्यान्षु कांठेड़े ने बताया कि 15 साल की उम्र से ही श्वेताम्बर जैन मुनि बनने की थी प्रबल इच्छा, घर परिवार में माता पिता व एक छोटा भाई रहते है जो देवास जिले के हाटपिपल्या निवासी है पर्यान्षु कांठेड़े 51 जैन मुनियों के सानिध्य में 26 दिसम्बर से हाटपिपल्या में हो रहे 3 दिवसीय दीक्षा महोत्सव में 2 अन्य लोगों के साथ जैन संत बनने की लेेगें दीक्षा।
जीवन में संत के सानिध्य में रहकर अपना जीवन बिताने वाले कुछ लोग ही वैरागी होते हैं. जिनमें अब देवास जिले के हाटपिपल्यों निवासी पर्यान्षु कांठेड़े भी शामिल होने जा रहे हैं। पर्यान्षु कुछ वर्षों से इंदौर निवास कर रहे है। अच्छी शिक्षा के साथ अमेरीका में नौकरी कर चुके पर्यान्षु कांठेड़े ने 3 साल तक अमेरीका में डेटा साइंटिस्ट की नौकरी की है। जहां पर उनकी डेढ़ करोड़ रूपये सैलरी थी। लेकिन नौकरी से मन भर जाने के बाद पर्यान्षु ने परिवार से जैन दीक्षा लेने व जैन संत बनने की इच्छा जाहिर की। पर्यान्षु के माता पिता ने इसकी हामी भर दी। अमेरीका से आने के बाद डेढ़ साल से जैन मुनि बनने की शिक्षा लेकर अब 3 दिवसीय हाटपिपल्या में हो रहे दीक्षा समारोह में हिस्सा लेंगे। जहा पर पर्यान्षु कांठेड़े सहित 2 लोग दीक्षा ले रहे है। पर्यान्षु खुद बताते है कि वे इस संसार के सुख को जब देखते है तो यह सुख उन्हें क्षण भंगुर नजर आता है। वे बताते है कि सुख हमारी तृष्ना को ओर बढ़ाता है। चिरकाल के सुख के लिए मैं जैन संत बनने के लिए वे तैयार हुए थे। जैन संतों के बीच मे रहकर उन्होंने अपनी कामनाओं को परखा ओर फिर अब वे हाटपिपल्या में दीक्षा लेकर आगे संत की तरह जीवन गुजरेंगे। इसके लिए पर्यान्षु ने घर में परिजनों से आज्ञा लेकर यह कदम उठाया है। बता दे हाटपिपल्या में 26, 27, 28 दिसम्बर को दीक्षा समारोह होना है। जिसमें पर्यान्षु कांठेड़े शामिल होंगे। पर्यान्षु के माता पिता भी इस बात को लेकर खुश है कि उनका बेटा जैन संत की दीक्षा ले रहा है।