विधानसभा चुनाव कार्यालयों के क्या हाल देखे समाचार लाईन परभाजपा का अपने ही कार्यालय को नजर अंदाज करना कहीं ओवरकोंफिडेन्स साबित न हो……….!

अमित बागलीकर
देवास। मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंका जा चुका है यही कारण है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों अपने चुनाव प्रचार से लेकर अन्य विचार विमर्श के लिए विशेष रूप से एक कार्यालय का निर्माण कर रही है यह वही स्थान होता है जहां पर डैमेज कंट्रोल से लेकर जनता के दरवाजे तक कब क्यों और कैसे पहुंच जाएगा इन सब की रणनीतिया तैयार करते हुए कार्यकर्ताओं को समझााईश दी जाती है।
इस पूरे मसले को केंद्र बिंदु मानकर यदि बात की जाए देवास की राजनीति की तो चुनावी शंखनाद के साथ ही देश की दो महत्वपूर्ण परिया जो की क्रमश: भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस मानी जाती है इन्होंने अपने चुनावी ठीहे है कहे जाने वाले कार्यालय तैयार कर लिए हैं। देवास में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से मोदी लहर के साथ विकास कार्यो की बात करते हुए कमल के निशान पर लहराते हुए जीत का तना-बना बुन रही है। तो कांग्रेस पार्टी परिवर्तन की बयार का दावा करते हुए राहुल गांधी के कंधे पर चढक़र कमलनाथ के निर्देशन में प्रदेश की सत्ता का सिंहासन निहार रही है।
इधर देवास में बने दोनों पार्टी के कार्यालय की बात की जाए तो कॉग्रेस का रेलवे स्टेशन रोड पर बड़ा भारी ड्रोन से बनाया गया चुनावी कार्यालय है। और उसे देखकर यह साफ प्रतीत होता है कि इस बार कांग्रेस जीत का स्वाद चखने में कोई भी कसर नहीं छोडऩा चाहती लेकिन कांग्रेसीयों की गुटबाजी कही फिर वही 35 वर्षो के राज कर रही राजघराने को कितना डैैमेज करती है यह आने वाले समय देखने योग्य होगा। वही इस पूरी स्थिति के विपरीत भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय पार्टी के ओवर कॉन्फिडेंस को साफ-साफ बयां कर रहा है आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर रोड स्थित हर्षल मांगलिक भवन के मार्केट के एक कोने पर छोटा सा कार्यालय बनाकर छोड़ दिया है जहां पर दिन में महज नाम मात्र कुछ कार्यकर्ताओं की ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं देखकर सब बयां हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी कहीं ना कहीं अपनी जीत को लेकर इतना ज्यादा अति उत्साहित है कि उसे कार्यालय की महिमा और महत्व का भान नहीं रह गया है।
बात की जाये कॉग्रेस के चुनावी हाईटेक कार्यालय का शुभारभ कुछ दिन पहले ही हुवा था लेकिन वहा पर भी बड़े भारी चुनावी कार्यालय मे कोंग्रेसीयो की गुटवाजी या बोले सज्जन वर्मा समर्थक सोनकच्छ विधानसभा मे अपने नेता सज्जन वर्मा के लिए देवास से पलायन करके भइया की शरण मे लग गये है । बहरहाल कार्तिक का महीना शुरू हो गया है और धीरे-धीरे ठंड देवास में अपने पैर पसार रही है वहीं शहर में खुली ठंड और चुनावी मौसम की गर्मी में पूरे समीकरण बदल कर रख दिए हैं अब देखना यह लाजमी होगा कि आखिरकार मौसम कि यह बयार कौन सी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में आकर उसके कार्यालय में शहनाई और मिठाई के साथ खुशी का जश्न मनाती है।
बरहाल सभी राजनीतिक दल अपने-अपने अंदाज में जनता के साथ मां मनोहर का खेल खेल रहे हैं और जनता भी अपने पुराने तजुर्बों और नए एहसासों के साथ अपने मतदान रूपी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करने के लिए अपने शिकार का संधान कर रही है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तो साफ है की अति उत्साह में छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना कभी-कभी बड़ी पार्टियों को काफी भारी पड़ जाता है



