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विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर मृदा की गुणवत्ता पर दिया जोर, जैविक खेती मानवीय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक- धर्मेंद्रसिंह राजपूत

देवास। विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर बालगढ़ रोड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र एवं महारानी चिमनबाई उमावि में कार्यक्रम का अायोजन किया गया। इसमें मृदा की उपयोगिता, संरक्षण व गुणवत्ता बनाए रखने तथा जैविक खेती के महत्व पर जानकारी दी गई।

वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी राहुल जयसवाल ने कहा, कि मृदा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरूरी है उसमें कार्बनिक जीवांश की उचित मात्रा होनी चाहिए। खाद की संतुलित मात्रा की ओर भी ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम में मप्र शासन से सम्मानित युवा कृषक धर्मेंद्रसिंह राजपूत ने संबोधित करते हुए कहा, कि समय के साथ खेती के तरीकों में बदलाव आया है। अधिक मात्रा में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक मिट्टी के उपजाऊपन को खत्म करते हैं। फसल पर अधिक कीटनाशकों का छिड़काव मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। अब समय आ गया है कि किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो। जैविक खेती में उत्पादन भी अधिक होगा और जो उपज तैयार होगी, वह मानवीय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगी। कार्यक्रम में सहायक संचालक विलास पाटिल ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर कृषि संकाय के विद्यार्थियों ने मिट्टी की उपयोगिता, संरक्षण को लेकर प्रश्न भी किए, जिनका उत्तर कृषि अधिकारियों ने दिया। महारानी चिमनाबाई उमावि में मिट्टी के पोषक तत्वों की जानकारी वाले पेम्प्लेट वितरित किए गए। यहां कृषि विस्तार अधिकारी भावना जयसवाल, योगेंद्र पटेल, अंतिम वासुरे, कल्याण सिंह ने मृदा संरक्षण के महत्व पर जानकारी दी।

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