सिविल लाइन थाना क्षेत्र में चोरी की बड़ी वारदात पर लापरवाह पूर्व टीआई ने नहीं लिखी रिपोर्ट, भटका पीडि़त, नए टीआई हितेश पाटिल ने तुरंत दर्ज किया मामला, शुरू की सख्त कार्रवाई

देवास जिले में अपराधों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश लगातार जारी हैं, लेकिन कुछ गैर-जिम्मेदार अधिकारी अब भी पुरानी ढर्रे पर काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ एक व्यापारी की दुकान में हुई चोरी की रिपोर्ट तत्कालीन थाना प्रभारी ने दर्ज नहीं की। मामला सामने आने के बाद अब नया थाना प्रभारी की सक्रियता देखने को मिल रही है । रामनगर चौराहा स्थित एक चश्मे की दुकान में 23 जून की रात अज्ञात चोरों ने सेंध लगाई थी। दुकान से 15 से 20 महंगे ब्रांडेड चश्मे और करीब एक लाख रुपये नगद चोरी हुए थे। पीड़ित दुकानदार 24 जून की सुबह ही सिविल लाइन थाने पहुंच गया था और तत्कालीन थाना प्रभारी टीआई रोहित पटेल को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया था, लेकिन टीआई ने न रिपोर्ट दर्ज की, न मौका मुआयना किया, और न ही CCTV फुटेज देखना जरूरी समझा। उल्टा पीड़ित को बार-बार यह कहकर टालते रहे कि देखते हैं, समय नहीं है, जांच चल रही है। इस दौरान पीड़ित थाने के कई चक्कर काटता रहा, लेकिन 7 जुलाई तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार जब टीआई रोहित पटेल का स्थानांतरण हुआ और नए थाना प्रभारी हितेश पाटील ने कार्यभार संभाला, तब पीड़ित ने एक बार फिर गुहार लगाई। नए टीआई ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत FIR दर्ज की और जांच शुरू कर दी।
इस पूरे मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी रोहित पटेल की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। क्या उन्होंने किसी को बचाने के लिए मामला दबाया? या यह केवल घोर लापरवाही थी? इन सवालों के जवाब अब पुलिस विभाग के लिए जरूरी हो गए हैं। यदि समय पर रिपोर्ट लिखी जाती, तो संभव है कि चोरी की गुत्थी अब तक सुलझ चुकी होती। नए थाना प्रभारी हितेश पाटील के सक्रिय रवैये से अब उम्मीद जगी है कि मामले में ठोस कार्रवाई होगी और चोरों तक पुलिस जल्द पहुँचेगी। वहीं पूर्व टीआई की लापरवाही ने न सिर्फ फरियादी को न्याय से वंचित किया, बल्कि विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
वही संभावना जताई जा रही है कि पूर्व टीआई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।

