हे आज मधुर सब दिग दिगंत, आया बसंत आया बसंत संस्कार भारती ने किया देवी सरस्वती का पूजन

देवास। 3 फरवरी को संस्कार भारती देवास द्वारा ऋतुओं के राजाधिराज बसन्त के आगमन पर देवी सरस्वती जी का पूजन अर्चन कार्यक्रम आयोजित किया। जिला संयोजक नृत्यगुरू प्रफुल्ल सिंह गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि बसन्त ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता हैं। जाती हुई सर्दियां, बड़े होते दिन, गुनगुनाती धूप धीरे धीरे तेज होती है जो कला साधकों को हमेशा आकर्षित करती रही हैं। जीवन में ज्ञान, कला, संगीत की देवी मां सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए आज इनका पूजन किया जाता है। सनातन मान्यता है कि आज ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था तथा मां के बारह नाम है भारती, सरस्वती, शारदा, हंसवाहिनी, जगती, वागीश्वरी, कुमुद, ब्रह्मचारिणी, बुद्धिधात्री, वरदायिनी, चंद्रकांती और भुवनेश्वरी जिन्हें उच्चारित कर पूजन किया गया। कार्यक्रम में कला साधकों ने बसन्त ऋतु आगमन पर काव्य पाठ, प्रबोधन कर कला जगत नव ऊर्जा सृजन की निरंतरता को अक्षुण्ण बनाए रखने में प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर संस्कार भारती देवास के जिला संयोजक नृत्यगुरू प्रफुल्ल सिंह गहलोत, राजूबाई पटेल, लीलाबाई कुमावत, संध्या जोशी ने दीप प्रज्वलन, पूजन अर्चन किया। वसन्त पंचमी महत्व पर उमेश जोशी ने प्रबोधन दिया। वरिष्ठ सदस्यगण अरुणा सोनी, रोहित सोनी, रोहित सिंह गुर्जर, कल्पना नाग, विनोद सिंह, सुमित जोशी सहित बड़ी संख्या में कला साधक बालिकाएं उपस्थित रही।
