103 केंद्रों पर 46 हजार से अधिक विद्यार्थी देंगे 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं, उडऩ दस्ते से मास चीटिंग रोकने पर रखी जाएगी नजर
देवास। जिलेभर में 46 हजार से अधिक विद्यार्थी आगामी फरवारी माह से शुरू होने वाली है। इस वषर्र देवास जिले में 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षा, जिले के कुल 103 केंद्रों के लिए केंद्राध्यक्ष भी किये गए तय, एसडीएम द्वारा उडऩ दस्ते से मास चीटिंग रोकने का किया जाएगा कार्य, विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में आधे घंटे पहले देनी होगी हाजरी, चीटिंग रोकने के लिए सीधे विद्यार्थियों के सेंटर पर ही खोले जाएंगी उत्तर पुस्तिका व उसके प्रश्न, हर विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र पर हो सहूलियत रखा जाएगा ध्यान.
मंगलवार को चिमनाबाई स्कूल में मध्यप्रदेश बोर्ड की परीक्षाओं के लिए कलेक्टर के केंद्राध्यक्ष को कड़े निर्देश दिये गए । दरअसल फऱवरी महीने में 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षा होनी है। पिछली मर्तबा बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आया था। इस बार नकल रोकने के लिए बोर्ड ने जो नियम बनाया है। उसके मुताबिक सुबह 9 बजे से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए 8.30 बजे ही विद्यार्थियों को हाजरी देनी होगी। देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता से इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि पिछली बार प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले सामने आए थे। इस बार परीक्षा केंद्र के अंदर ना तो किसी को आने दिया जाएगा और ना किसी को बाहर जाने देंगे। ऐसे में प्रश्न-पत्र लीक होने की संभावना खत्म हो जाएगी और जो परीक्षार्थी है वह अंदर ही होंगे। अत परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में सख्त रोक लग जाएगी। यहां जिले में 103 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जानकारी अनुसार बोर्ड परीक्षा फऱवरी माह के पहले सप्ताह से शुरु हो रही है। 12वीं में 21 हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा दे रहे है। जबकि 10वीं कक्षा के कुल 25 हजार से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा दोनों कक्षाओं के कुल 46 हजार से अधिक विद्यार्थी की परीक्षा देने को तैयार है। सीएस व एसीएस को केंद्रों पर ड्यूटीरत किया गया है। जिन पर केंद्र की जवाबदारी रहेगी। साथ ही यह जिम्मेदारी रहेगी कि हर विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र पर सहूलियत रहे। जिला कलेक्टर ने कहा है कि परीक्षा में मास चीटिंग ना हो उसके लिए एसडीएम के उडऩ दस्ते तय किये गए है जो चीटिंग रोकेंगे। साथ ही एप्लिकेशन बनाई गयी है। जिससे कि टेक्नोलॉजी का सही उपयोग किया जाएगा।