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जय हिन्द सखी मंडल की संस्कार शाला, अवसरों का मिलना ईश्वरीय वरदान है आप ईश्वर पर विश्वास रखिए संसार आप पर विश्वास रखेगा

देवास। संतोषी जीवन सदा सुखी रहता है। लालच कभी न करें। लालच बुरी बला है। जितना आपके पास है उसे पर्याप्त मानें। हमें जो भी मिलता है कर्म के अनुसार ही मिलता है। यदि हमें कम मिलता है तो कर्म सुधारें और अधिक मिल रहा है तो अहंकार न करें। जो भी कर्म करें ईमानदारी से करें। ईमानदारी से किया गया कर्म स्वतः ईश्वर को समर्पित हो जाता है। अवसरों को पहचानिए। ये बार बार नहीं मिलते हैं। अवसरों का मिलना ईश्वरीय वरदान है। अभी विद्यार्थी जीवन का अवसर मिला है, लगनपूर्वक पढ़ाई कीजिए। अपना पूरा ध्यान और एकाग्रता पढ़ाई पर रखें। दूसरा क्या कर रहा है यह आप मत देखिए। आप तो माता, पिता और गुरू की आज्ञा मानते चलिए सफलता आपके साथ कदम ताल करेगी। आप ईश्वर पर विश्वास रखिए संसार आप पर विश्वास रखेगा। सत्य का साथ कभी न छोड़िए। सत्यवान बनकर ही आप लक्ष्य तक तेजी से पहुंच सकते हैं। क्योंकि सत्य बोलने वाले के साथी भी कम ही होते हैं। अतः लक्ष्य से भटकाव नहीं होता है। समाज में आ रहे परिवर्तनों का लाभ लीजिए। पहले लड़कियों की शिक्षा एक सपना हुआ करता था किंतुु अब अधिकांश महिलाएं स्वयं अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए आगे आ रही हैं चाहे कितना ही गरीब परिवार हो। योग्यता का सम्मान करें। अपने से अधिक योग्य से ईर्ष्या न करें। ईर्ष्या वह अग्नि है जो स्वयं को जला देती है। सेवा करें, सेवा करेंगे तो अच्छा लगेगा। मंदिर के बाहर उतारे गए जूते- चप्पल पंक्तिबद्ध जमाने से असीम शांति प्राप्त होती है। जय हिन्द सखी मंडल द्वारा महर्षि पतंजली परिसर में आयोजित संस्कार शाला में उदासीन अखाड़ा हरिद्वार की महंत साध्वी शीला महाराज ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कर सकते हो तो किसी के कहने के पहले ही कर दो। संस्कार शाला में नैना मोदी, अनुष्का साहा, सलोनी सोलंकी, आंचल श्रीवास, सरिता अंजना, अंजली ठाकुुर, समीक्षा चौधरी, शीतल सावले, लक्ष्मी बाली, जान्हवी कुशवाह, राधा कुमावत, खुशी परिहार, तनु परमार और राधा मीणा सति सखी मंडल की अनेक छात्राएं उपस्थित थीं। स्वागत तनु चुलीवाल ने किया। संचालन हेमा कुशवाह ने किया तथा आभर स्नेहा ठाकुर ने माना।

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