राम भक्तों के साथ में बटुक महाराज भी अयोध्या तक चल रहे पैदल, कंधे पर केसरिया ध्वज लेकर अयोध्या के लिए पैदल यात्रा पर निकले महाराष्ट के रामसेवक, 1700 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचने का है लक्ष्य

देवास। कहा जाता है कि भक्ति की कोई सीमा नहीं होती और कोई भक्त कुछ करने की ठान ले, तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसे ही जुनून वाले राम सेना फाउंडेशन के रामभक्त हैं जो मुंबई के है यह राम भक्त रथ में सवार राम जी के मूर्ती व कंधे पर केसरिया ध्वज, हाथों में धनुष बाण, हनुमान जी की गधा लेकर भगवान रामलला के जयकारे के साथ अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेने के लिए अपनी 47 दिनों की यात्रा करते हुए मुंबई से 10 दिसम्बर को पैदल ही अयोध्या के लिए निकले थे जो 19 वे दिन देवास शहर में प्रवेश करी इन राम भक्तों का कहना है कि कार सेवकों के सम्मान में यह यात्रा निकाली जा रही है ज्ञात हो कि रामलला के मंदिर में कार सेवको के रूप में महाराष्ट के कारसेवकों ने अपने प्राणों की आहूती दी थी जिनके सम्मान में यह सच्ची श्रंद्वाजली देने जा रहे । यह कार सेवक मुंबई से निकले थे जो 19 वे दिन देवास पंहुचें और 22 जनवरी के पहले अयोध्या पंहुचना है। इन राम भक्तों का देवास में प्रवेश होते ही जगह जगह विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं द्वार स्वागत किया गया।


