वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती पर देवास में भव्य शौर्य यात्रा और घुड़ दौड़ का आयोजन, समिति ने की सफल आयोजन की अपील

देवास। वीरता, आत्मगौरव और स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती के अवसर पर देवास शहर में इस वर्ष भी परंपरानुसार भव्य शौर्य यात्रा एवं सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। महाराणा प्रताप शौर्य यात्रा उत्सव समिति के तत्वावधान में 29 मई, गुरुवार को यह ऐतिहासिक यात्रा शाम 6:00 बजे शहर के प्रमुख चौराहे भोपाल चौराहा से प्रारंभ होगी, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई प्रमुख स्थलों से गुजरेगी।
शौर्य और स्वाभिमान का प्रतीक बनेगी यात्रा
समिति द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह यात्रा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की गौरवगाथा और उनके शौर्यपूर्ण जीवन को जनमानस तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। यात्रा में अश्वारोही दल, बैंड दल, पारंपरिक वेशभूषा में सजे समाजजन, युवाओं की टोलियाँ, ढोल-ताशों की गूंज और महाराणा प्रताप के शौर्य से जुड़े चित्रों एवं झांकियों की भव्य प्रस्तुति शामिल रहेगी। यात्रा मार्ग को समाजजनों द्वारा केसरिया ध्वजों, पुष्पवर्षा और स्वागत तोरण द्वारों से सजाया जाएगा। शहर के विभिन्न स्थानों पर स्वागत मंच भी बनाए जा रहे हैं जहाँ आमजन द्वारा पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया जाएगा। युवाओं में इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
घुड़ दौड़ भी बनेगा आकर्षण का केंद्र
शौर्य यात्रा से पहले गुरुवार को दोपहर 4.00 बजे घुड़ दौड़ का आयोजन भी किया जाएगा, जो समाज के युवाओं में ऊर्जा, अनुशासन और संगठन शक्ति का परिचायक है। यह दौड़ हर वर्ष की तरह इस बार भी सेंट्रल इंडिया एकेडमी के सामने स्थित मेन रोड सहारा, भोपाल रोड से प्रारंभ होगी। दौड़ में बड़ी संख्या में युवाओं के भाग लेने की संभावना है।
आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियाँ
महाराणा प्रताप शौर्य यात्रा उत्सव समिति एवं समस्त राजपूत समाज द्वारा इस कार्यक्रम को भव्य और अनुशासित रूप से सम्पन्न कराने की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। आयोजकों ने शहरवासियों से इस गौरवपूर्ण आयोजन में सपरिवार शामिल होकर वीर महाराणा प्रताप के आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया है।
समर्पण और संस्कृति का संगम
महाराणा प्रताप की जयंती पर होने वाला यह आयोजन केवल राजपूत समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सम्पूर्ण समाज में राष्ट्रीय चेतना, स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव का संदेश देता है। कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं, महिला मंडलों और युवा संगठनों की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। समिति के अनुसार आयोजन में नगर के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, व्यापारी संगठन, और धार्मिक संस्थाएँ भी सम्मिलित होंगी, जो सामाजिक समरसता और एकता की भावना को बल प्रदान करेगी।


