आपका शहरइंदौरउज्जैनदेवासदेश-विदेशधर्म-आध्यत्मप्रशासनिकभोपालमध्यप्रदेशमहाराष्ट्र

देवास नगर निगम की गंदगी ने किया नवरात्र महापर्व का अपमान, अष्टमी पर मां के भक्तों को नाले के गंदे पानी से गुजरना पड़ा

देवास। नगर निगम देवास के ढोल-नगाड़े बजाते स्वच्छता के दावे नवरात्र महापर्व पर एक बार फिर खोखले साबित हुए। नवागत निगमायुक्त ने आते ही स्वच्छता को प्राथमिकता बताई थी और विशेषकर नवरात्र जैसे धार्मिक पर्व पर माता टेकरी आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निगम अमले को सख्त हिदायतें दी थीं। मगर नवरात्र की अष्टमी पर हालात ऐसे बने कि मां दुर्गा के भक्तों को टेकरी पर दर्शन के लिए नाले के गंदे पानी और बदबूदार माहौल से होकर गुजरना पड़ा।

श्रद्धालु जब मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी के दर्शन को पहुंचे, तो वहां उनका स्वागत भक्ति-भाव से ज्यादा गंदगी और सड़ांध ने किया। शर्मनाक बात यह है कि टेकरी का मुख्य द्वार और आसपास का इलाका साफ रखने की जिम्मेदारी नगर निगम और महापौर की थी, लेकिन इनका ध्यान शायद मां की भक्ति और जनता की भावनाओं से ज्यादा राजनीति के खेल पर है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम हर उत्सव और सामूहिक कार्यक्रम से पहले स्वच्छता का ढोंग करता है, पोस्टर और बैनर लगाता है, लेकिन असल में ना तो नालों की स्वच्छता है और ना ही कचरा समय पर साफ होता है। परिणामस्वरूप लाखों भक्तों को अष्टमी जैसे पवित्र दिन पर गंदगी और बदबूदार का सामना करना पड़ा। अब सवाल यह है कि महापौर और नगर निगम प्रशासन हर बार शहरवासियों की आस्था पर ध्यान क्यों नहीं देता है? जब सनातन संस्कृति और धार्मिक आयोजनों में साफ-सफाई और शुचिता को सर्वोपरि माना जाता है, तब नगर निगम द्वारा ऐसा आचरण न केवल शर्मनाक है बल्कि अपमान का अपमान भी है। जनता कह रही है कि मां की भक्ति में डूबे भक्तों को कब तक नगर निगम की गैरजिम्मेदारी का महिमामंडन करना पड़ा?

Related Articles

Back to top button

कृपया खुद मेहनत करे...