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एमजी अस्पताल में फिर लापरवाही…! इंदौर रेफर किए मरीज के लिए 108 नहीं, एंबुलेंस भी गायब एक घंटे तक तड़पता रहा घायल, इलाज में देरी से मौत

देवास। जिला अस्पताल एमजी हॉस्पिटल में एंबुलेंस व्यवस्था की बदहाल स्थिति एक बार फिर सामने आ गई, जिसने एक युवक की जान तक ले ली। शनिवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए बरखेड़ी निवासी रवि पवार (30) को परिजन तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां जो हालात दिखे, वह चौंकाने वाले और सिस्टम की असलियत उजागर करने वाले थे।
ड्यूटी डॉक्टर ने मरीज की गंभीर हालत देखते हुए इंदौर रेफर तो कर दिया, लेकिन अस्पताल परिसर में ना तो108 थी और ना ही कोई निजी एंबुलेंस मौजूद थी। न ही अस्पताल प्रशासन ने किसी एंबुलेंस की व्यवस्था की। परिजनों के अनुसार डॉक्टर ने सिर्फ इतना कहकर हाथ खड़े कर दिए 108 पर कॉल करो। इसके बाद परिजन लगभग एक घंटे तक अस्पताल में घायल को स्ट्रेचर पर लेकर एंबुलेंस खोजते घूमते रहे, लेकिन जिला अस्पताल जैसा बड़ा संस्थान भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करा सका। न प्राथमिक उपचार सही से मिला, न मरीज को समय पर रेफर किया गया।
स्थिति बिगड़ने पर मौके पर पहुंचे भाजपा नेता सुमेरसिंह दरबार ने निजी एंबुलेंस की व्यवस्था कराई, जिसके बाद रवि को इंदौर भेजा गया। लेकिन देरी से हुए उपचार के कारण रवि पवार ने इंदौर में दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप है कि अगर अस्पताल में 108 या कोई भी एंबुलेंस समय पर मिल जाती और जरूरी उपचार दे दिया जाता, तो रवि की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने एमजी अस्पताल प्रशासन और ड्यूटी डॉक्टरों की लापरवाही को मौत की वजह बताया है। घटना के बाद परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि जिला अस्पताल जैसे बड़े संस्थान में एंबुलेंस सेवाएं आखिर क्यों उपलब्ध नहीं रहतीं…? आपातकालीन मरीजों को घंटों तक भटकना क्यों पड़ता है लोगों ने पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

घटना के बाद स्थानीय और स्थानीय लोग अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं कि जिला अस्पताल जैसे बड़े संस्थानों में इंजीनियर इंजीनियर क्यों उपलब्ध नहीं हैं…? आपातकालीन स्थिति को घंटों तक भटकाना क्यों है। लोगों ने पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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