
देवास। करीबन चार वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने नागदा सात खोरी वर्षो से निवास कर रहे 60 घुम्मकड जाति के परिवारों को वहां से हटाकर अन्य स्थान पर पट्टा की बात कहीं थी। घर से बेघर होने के बाद आज तक उक्त लोगों को पट्टा नही मिला है। वे दर-दर ढोकरे खा रहे है। शीघ्र पट्टा दिए जाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय घुम्मकड जनजाति नाथ समाज जिलाध्यक्ष भगवान सिंह नाथ के नेतृत्व में नाथ समाज के पीडि़तजन मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंचे। पीडितों ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि पट्टे की मांग को लेकर अब तक 50 बार आवेदन दे चुके है, लेकिन संतोषजनक जवाब नही मिला है। नागदा में हम व हमारे पूर्वज विगत 30 वर्षो से निवास कर रहे थे। उसके बाजवूद हमें यहां से हटा दिया गया। हमें नई जगह जो कि नागदा सात खोरी के नाम से स्थित है वहां दी गई, जिस पर हम समस्त कालोनी वासी विगत 4 वर्ष से रह रहे है। लेकिन अभी तक हम उक्त स्थान पर झोपडी में रह रहे है। जिसका अभी तक पट्टा नहीं दिया गया है, जिससे हम शासन की विभिन्न योजनाओं से वंचित है। कई बार आवेदन देने के बावजूद हमारी समस्या का निराकरण नही हो रहा है। हमारे बच्चे जो कि अभी वर्तमान में स्कूल नहीं होने के कारण घर से बेघर होने के चलते पढाई आदि से वंचित है। जिससे उनका भविष्य खराब होने की आशंका है। हम सभी नाथ समाज के जाति के अंतर्गत आते है। पीड़ितों ने कहा कि यदि शीघ्र ही हमारी समस्या का निराकरण नही होता है तो विवश होकर हमें धरना/हडताल करनी पडेगी, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन व प्रशासन की होगी। पीडित घुमक्कड़ नाथ जाति के लोगों ने मांग की है कि शासन-प्रशासन के अधीन शीघ्र अतिशीघ्र पट्टा दिलाया जावे, जिससे आने वाली समस्याओं से हमें निजात मिल सके। इस दौरान तुफान नाथ, पप्पू नाथ, दल्ला नाथ, कैलाश नाथ, बब्लू नाथ, बसंत नाथ, सरदार नाथ, रवि नाथ, राहुल नाथ सहित बडी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
